कमिश्नर संग वार्ता में बनी 'कुछ बात', धरने का फैसला पंचायत में
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहीत जमीन के एक समान मुआवजे की मांग को लेकर दो दिन से धरने पर बैठे किसानों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता रविवार को कमिश्नर से हुई।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहीत जमीन के एक समान मुआवजे की मांग को लेकर दो दिन से धरने पर बैठे किसानों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता रविवार को कमिश्नर से हुई। कमिश्नर ने किसानों की मांगों में से कुछ को पूरा कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानो ने तय किया कि सोमवार को पंचायत करके कमिश्नर से हुई बातचीत को रखा जाएगा। सर्वसम्मति से तय होगा कि इस आश्वासन पर धरना समाप्त किया जाए, या फिर जारी रखा जाएगा।
रविवार शाम पौने छह बजे कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने किसानों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया गया। धरने का नेतृत्व कर रहे सपा नेता अतुल प्रधान की सलाह के बाद बबली गुर्जर, सतीश राठी, अमरजीत सिंह, अजय प्रमुख, अमरपाल, बबली कसाना, अलताफ व कारी इरफान वार्ता के लिए पहुंचे। सतीश राठी ने बताया कि कमिश्नर ने आश्वस्त किया है कि जो भी प्रशासन के स्तर से हो सकेगा, उन मांगों को पूरा कराने की कोशिश करेंगी। जिन गांवों में मुआवजा वितरण में अंतर है उसे दुरुस्त कराया जाएगा। एनएचएआइ से बात करके एक तरफ सर्विस रोड बनवाई जाएगी। अंडरपास की ऊंचाई 3.50 मीटर के बजाय नियम के अनुसार 5.50 मीटर कराई जाएगी। एक समान मुआवजे की स्थिति देखने के लिए जिला जज के यहां से फाइलें वापस मंगवाई जाएंगी। जिस तरह से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से संबंधित किसानों को 5.50 लाख रुपये अनुदान के रूप में मिले हैं, उसी तरह से एक्सप्रेस-वे से संबंधित किसानों को भी दिलवाने का प्रयास होगा। अतुल प्रधान ने बताया कि कमिश्नर की बातों से किसान संतुष्ट होंगे या नहीं, इसलिए पंचायत बुलाई गई है। इसमें तय होगा कि मांग पूरी होने तक धरना जारी रखेंगे या फिर आश्वासन के आधार पर समाप्त करेंगे। यह भी फैसला हो सकता है कि किसान मुख्यमंत्री से मिलने बागपत कूच कर सकते हैं। उधर, धरने को रालोद के क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह, पूर्व मंत्री डा. मेराजुद्दीन, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान, विनय मल्लाहपुर, राहुल प्रमुख, मैनपाल तोमर आदि ने संबोधित किया। अर्धनग्न होकर निकाली रैली
किसानो ने दोपहर को अर्धनग्न होकर रैली निकाली। यह रैली चौधरी चरण सिंह पार्क के चारों ओर ही घूमी। रैली में ढपली, ढोलक आदि लेकर नारेबाजी की। किसानों ने पार्क की ही कई बार परिक्रमा की। पुलिसकर्मियों संग धक्का-मुक्की
रैली के दौरान कुछ युवाओ व पुलिसकर्मियों में कहासुनी हो गई, जिस पर युवाओं ने पुलिसकर्मियो को धक्का देकर गिरा दिया। पुलिसकर्मी कुछ प्रतिक्रिया देते, तब तक लोगों ने प्रकरण को शांत करा दिया। किसानों की रैली देख तैनात हुई आरएएफ
किसानों ने जब रैली निकालने की बात की तो फौरन बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी बुला ली गई। आरएएफ भी तैनात कर दी गई। कमिश्नर कार्यालय के प्रमुख गेट के बाहर फोर्स तैनात कर दी गई। आशंका थी कि किसान रैली के बहाने कमिश्नरी में घुसने की कोशिश कर सकते हैं।