बच्चों ने खूब पसंद की सफलता की प्रेरक कहानियां
नई पीढ़ी को भारतीय संस्कारों से जोड़ने के लिए दैनिक जागरण की ओर से चलाए जा रहे संस्कारशाला कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को द अध्ययन स्कूल में ब'चों को कहानी सुनाई गई। संस्कारशाला कार्यशाला में दैनिक जागरण की ओर से डा. शिवचरण शर्मा 'मधुर' ने ब'चों के समक्ष दीपा करमाकर के जीवन चरित्र को बयां किया।
मेरठ । नई पीढ़ी को भारतीय संस्कारों से जोड़ने के लिए दैनिक जागरण की ओर से चलाए जा रहे संस्कारशाला कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को द अध्ययन स्कूल में बच्चों को कहानी सुनाई गई। संस्कारशाला कार्यशाला में दैनिक जागरण की ओर से डा. शिवचरण शर्मा 'मधुर' ने बच्चों के समक्ष दीपा करमाकर के जीवन चरित्र को बयां किया। उन्होंने बताया कि किस तरह मेहनत और जज्बे के कारण साधारण परिवार की दीपा शुरू से ही अपने लक्ष्य पर अडिग रहीं और उसी दिशा में परिश्रम करते हुए सफल जिमनास्ट बनी। उन्होंने बच्चों को अपनी रुचि को ध्यान में रखते हुए धैर्य के साथ लक्ष्य साधने की सीख दी।
सुनाई प्रेरक सफल कहानियां
डा. शर्मा ने बच्चों के समक्ष कुछ महापुरुषों का जिक्र करते हुए उनके बारे में बताया। उन्होंने डा. एपीजे अब्दुल कलाम, नेल्शन मंडेला, सरदार वल्लभ भाई पटेल, थॉमस अल्वा एडिशन, मदर टेरेसा, लाल बहादुर शास्त्री, मार्क जुकरबर्ग आदि के बारे में संक्षिप्त में बताया कि उन्होंने किस प्रकार अपनी उपलब्धियां हासिल की और समाज के लिए एक उदाहरण बनकर उभरे। बच्चों ने इन सभी के बारे में बड़े ध्यान पूर्वक सुना और अपनी जिज्ञासाओं को भी शांत किया। कार्यशाला की अंतिम कड़ी में बच्चों ने कहानियों पर पूछे गए सवालों के जवाब भी बढ़चढ़कर दिए।
दिए सफलता के ये टिप्स
-अर्जुन बनो, लक्ष्य निर्धारित करो
-जीतने वाले हार नहीं मानते, हार मानने वाले जीत नहीं सकते।
-सकारात्मक सोचा, लक्ष्य पर अडिग रहो।
-पहला गलत कदम आगे गलत ही कराता है, सावधानी से बढ़े।
-अपने प्रति अनुचित व्यवहार दूसरों के साथ भी न करें।
-असफलता में ही सफलता की कुंजी है।
-विनम्र, सच्चे व ईमानदार बनो।
-दूसरे में दोष न देखो, अपने दोष ठीक करो।
-आगे बढ़ना है तो समय प्रबंधन करो।
-संगति से ही दोष व गुण आते हैं।
-सज्जन व्यक्तियों से सीखो।