चेन्नई की कंपनी ने संभाला 72 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट का काम
जागृति विहार एक्सटेंशन स्थित 72 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम चेन्नई की कंपनी वीए टेक वाबाग ने संभाल लिया। एसटीपी के संचालन के साथ यह कंपनी सीवर लाइन की सफाई और उसका रखरखाव भी करेगी।
मेरठ, जेएनएन। जागृति विहार एक्सटेंशन स्थित 72 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम चेन्नई की कंपनी वीए टेक वाबाग ने संभाल लिया। एसटीपी के संचालन के साथ यह कंपनी सीवर लाइन की सफाई और उसका रखरखाव भी करेगी।
प्रदेश सरकार ने वीए टेक वाबाग से 10 साल के लिए अनुबंध किया है। इस कंपनी को सालाना 110 करोड़ में मेरठ समेत आठ शहरों की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। मेरठ में 72 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम मंगलवार को कंपनी ने संभाल लिया है। कंपनी के चीफ बिजनेस ऑफीसर मोहम्मद सफी ने बताया कि ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन शुरू कर दिया है। पंपिंग स्टेशन और सीवर लाइन की सफाई व रखरखाव का काम भी इसी महीने में शुरू कर देंगे। कंपनी मेनहोल के ढक्कन लगाने का काम भी करेगी। मालूम हो कि पहले ज्योति विल्टेक कंपनी एसटीपी का संचालन कर रही थी। जिसने दो माह पूर्व ही काम बंद कर दिया था। कर्मचारियों का वेतन भी नहीं दिया था। जिससे कर्मचारियों ने प्लांट पर ताला डाल दिया था। जलनिगम के परियोजना प्रबंधक रमेश चंद्रा ने कहा कि नई कंपनी के काम संभाल लिया है। कर्मचारियों का बकाया वेतन का भुगतान पूर्व कंपनी ही करेगी। इसका आश्वासन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने दिया है।
सीवर जेटिंग मशीनों से होगी सीवर सफाई
चीफ बिजनेस ऑफीसर ने कहा कि शहर में सीवर लाइन की सफाई के लिए सीवर जेटिंग मशीन का उपयोग करेंगे। पुराने शहर की गलियों में मशीन से सफाई में परेशानी आएगी। यहां मैनुअली सफाई के विकल्प खोजे जा रहे हैं। वहीं रोबोट के इस्तेमाल पर भी विचार है। लेकिन इस तकनीकी केवल सीवर लाइन के ब्लॉकेज खोलने के काम आती है, पूरी सीवर लाइन साफ नहीं हो सकती है।
खुलेगा कॉल सेंटर, लोग कर सकेंगे शिकायत
शहर के लोगों की सीवेज संबंधी शिकायतों के निस्तारण के लिए वीए टेक कंपनी एक कॉल सेंटर खोलेगी। जो 24 घंटे संचालित होगा। एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। जिस पर लोग पते के साथ समस्या बता सकेंगे। यह काम एक महीने के भीतर करने का दावा कंपनी ने किया है।
औद्योगिक इकाईयों का गंदा पानी रोकना होगा चुनौती
कंपनी के चीफ बिजनेस ऑफीसर ने बताया कि मेरठ में औद्योगिक इकाईयों चोरी-छिपे केमिकल युक्त गंदा पानी सीवर लाइन में डाल रही हैं। शासन और जल निगम के अधिकारियों को यह रिपोर्ट दी गई है। औद्योगिक इकाईयों के इस कृत्य को रोकने का काम किया जाएगा। ताकि काली में केमिकल युक्त पानी न जा सके।