बदलाव: कभी यहां थे कचरे के ढेर, आज छाई है हरियाली
पांच जून को पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाती हैं। यह दिन पर्यावरण के प्रति जागरुकता पैदा करने का है। ऐसे में गांवड़ी स्थित कचरा निस्तारण प्लांट के परिसर की बदली हुई तस्वीर सुखद अहसास कराती है।
मेरठ, जेएनएन। पांच जून को पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाती हैं। यह दिन पर्यावरण के प्रति जागरुकता पैदा करने का है। ऐसे में गांवड़ी स्थित कचरा निस्तारण प्लांट के परिसर की बदली हुई तस्वीर सुखद अहसास कराती है। जहां डेढ़ साल पहले कचरे के ढेर हुआ करते थे, वहां आज विभिन्न प्रजाति के पौधों से सजी ग्रीन बेल्ट की हरियाली छाई है। गांवड़ी कचरा निस्तारण प्लांट के परिसर में काली नदी के किनारे लगभग 120 मीटर दूरी तक कचरे के ढेर लगे थे। एनजीटी के निर्देश पर नगर निगम ने कचरा हटाकर ग्रीन बेल्ट विकसित की। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार करीब 50,000 वर्ग मीटर जमीन पर ग्रीन बेल्ट विकसित की जानी है, जिसके सापेक्ष अभी तक 33000 वर्ग मीटर जमीन पर विभिन्न प्रजातियों के लगभग 13500 पौधे लगाए जा चुके हैं। सिचाई के लिए बोरिग कराई गई। देखरेख के लिए माली लगाए गए। इनमें से वर्तमान में लगभग 12,000 पौधे काफी बड़े हो गए हैं। आम, पीपल, नीम, जामुन, बरगद, आंवला, कनेर, यूकेलिप्टस समेत विभिन्न प्रजातियों के पौधे कचरे के ढेर से प्रदूषित हुई इस क्षेत्र की आबोहवा को आक्सीजन देंगे। प्रदूषित गैसों के प्रभाव को कम करेंगे। ----------- -पर्यावरण को सुधारने के लिए शहर को हरा-भरा बनाया जाएगा। बृहद पौधरोपण कर सड़कों के किनारे ग्रीन बेल्ट विकसित करने का प्रस्ताव मंजूर हो गया है। वायु प्रदूषण से निपटने को एंटी स्माग मशीन, वाटर स्प्रिंगलर व स्वीपिग मशीन की खरीदी की स्वीकृति दे दी गई है। गांवड़ी की ग्रीन बेल्ट की तरह शहर के अंदर भी साल भर बाद हरियाली नजर आएगी।
मनीष बंसल, नगर आयुक्त