सियासत बदली तो ट्रेंड भी बदला, लेकिन कम न हुआ अपराध
सियासत बदली तो ट्रेंड भी बदला लेकिन कम न हुआ अपराध मेरठ बेहतर कानून व्यवस्था अच्छे समा
सियासत बदली तो ट्रेंड भी बदला, लेकिन कम न हुआ अपराध
मेरठ : बेहतर कानून व्यवस्था अच्छे समाज और भयमुक्त माहौल का निर्माण करती है। सियासत बदलने के साथ अपराधी भी जरायम का प्रारूप बदल लेते हैं। शांति और सुरक्षा प्रदान करना सरकार का कर्म-धर्म और कर्तव्य भी है। लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ा है तो कानून व्यवस्था का मुद्दा उठना भी तय है। पक्ष-विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप भी जड़ेगा और बेहतर माहौल देने का वादा भी करेगा। तीन साल के अपराधिक आंकड़े दर्शाते हैं कि वक्त के साथ जरायम का ट्रेंड भी बदला है और कार्रवाई का दायरा भी। नारी योगी सरकार में भी 'बेचारी' रही। छेड़छाड़ भी हुई, दुष्कर्म भी। अपहरण की बाढ़ आई रही तो, लुटेरों ने भी कानून को खुलकर चुनौती दी। इन्हीं सबके बीच खाकी भी कई बार जरायमफरोशों पर भारी पड़ी। पेश है विशेष रिपोर्ट..।
रक्तरंजित होती रही फिजा
मेरठ की धरती पर लहू बहता रहा। साल 2016 के मुकाबले 22 फीसद से अधिक हत्या की घटनाओं में वृद्धि हुई। इसी तरह दुष्कर्म के मामले तो 66 फीसद तक बढ़ गए। हत्या-दर-हत्या होती रहीं। पुलिस का इकबाल भी घटता नजर आया। आंकड़े गवाह हैं कि बेखौफ बदमाशों ने जिले में कत्ल-ओ-गारत मचा दी। सोहरका गांव के मां-बेटा हत्याकांड ने पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया था। 2018 में 156 लोगों की हत्या हुई।
बदमाश भागते रहे, पैर में गोली मारती रही पुलिस
पुलिस महकमे ने भी क्राइम कंट्रोल के लिए पूरा जोर लगाया। ताबड़तोड़ वारदातों के बीच पुलिस भी बदमाशों के पैर में गोली मारती रही। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने सधी हुई रणनीति के तहत काम किया। इसमें सफल भी हुई और सपा कार्यकाल से कहीं अधिक बदमाश पकड़े गए। साल 2018 में 115 लोगों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया, जबकि 2016 में 32 लोग मुठभेड़ में पकड़े गए थे।
छेड़छाड़ और दुष्कर्म खूब हुए
तमाम सख्तियों और कानून के बाद भी एंटी रोमियो स्कवाड नारी शक्ति की सुरक्षा में काफी हद तक सफल नहीं हो सकी। छेड़छाड़ व दुष्कर्म में वृद्धि हुई। इसी तरह दहेज हत्या व महिला उत्पीड़न के मामले भी बढ़े। फाइलों में अभी भी एंटी रोमियो स्कवाड टीम मनचलों को पकड़ती है, लेकिन धरातल पर इसका असर नजर नहीं आता। बेटिया मनचलों से परेशान हैं। आए दिन थानों में यह शिकायत पहुंच रही हैं। लिसाड़ी गेट क्षेत्र की जीजीआइसी की छात्राओं ने तो स्कूल छोड़ने का एलान तक कर दिया था। इसी तरह किठौर में चार मनचलों ने एक छात्रा के साथ दरिदगी की। सरधना में छेड़छाड़ के विरोध पर एक छात्रा जिंदा जला दी गई। इनके अलावा भी तमाम मामले सामने आए।
बवाल ने पुलिस भी कर दी थी हलकान
दो अप्रैल-18 को हुई एससी/एसटी आरक्षण को लेकर हिसा ने पुलिस को करारी शिकस्त दी। वाहन फूंके गए। गोलिया चलाई गईं। अराजक भीड़ ने एनएच-58 पर रोडवेज बसों में तोड़फोड़ और आगजनी तक कर डाली थी। पुलिसकर्मी भी घायल हुए। बलवाइयों पर शिकंजा कसने में पुलिस फेल साबित हुई थी। -जातीय हिसा : योगी सरकार में कंकरखेड़ा के शोभापुर, परतापुर, रोहटा रोड मेरठ, उल्देपुर आदि स्थानों पर जातीय हिसा हुई। इसमें कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी। शोभापुर गांव में तो अभी तक जातीय तनाव बना रहता है। -शराब तस्करी व बिक्री : पुलिस शराब तस्करी व बिक्री पर रोक न लगा सकी। शामली व बागपत जिले के तीन बॉर्डर से अवैध शराब की तस्करी जारी है। मेरठ पुलिस उसकी जिले में एंट्री रोकने में नाकाम है। यही वजह है कि आए दिन शराब की खेप पकड़ी जा रही है। हस्तिनापुर खादर में भी कई बार शराब की भट्ठियां पकड़ी गई। बताया जाता है कि वहां अभी भी भट्ठियां धधक रही हैं। सपा सरकार में भी इस पर अंकुश नहीं लग सका था। -पुलिस पर हमला : 2016 से अभी तक कई बार पुलिस पर हमला भी हुआ। कुछ माह पहले ही कुख्यात शराब माफिया रमेश प्रधान के लोगों ने तो पुलिसकर्मियों को दौड़ाकर पीटा और एक पुलिसकर्मी का सिर फोड़ दिया था। 2018 से अभी तक एक दर्जन से अधिक पुलिस पर हमले के मामले सामने आए। आकड़ों पर एक नजर डकैती
2016 2017 2018
04 05 07 लूट
96 118 154 हत्या
147 125 156 बलवा
01 03 05 रोड होल्डअप
0 0 0 फिरौती के लिए अपहरण
00 01 04 वाहन चोरी
1767 1341 2213 दुष्कर्म
54 110 123 शीलभंग
207 315 254 अपहरण
254 338 313 छेड़छाड़
43 76 87 चेन स्नेचिंग
15 27 112 मुठभेड़
32 76 115 पुलिसकर्मी घायल
12 23 16 कानून व्यवस्था ऐसे होगी सुदृढ़
पुलिस ने कानून व्यवस्था सुदृढ़ रखने के लिए रणनीति बनाई है। एडीजी ने सभी कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि वह पूरी तरह असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कस लें। स्वयं जिले में गश्त करें और प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखें। महकमे का प्लान है कि वह बूथ स्तर पर पुलिसकर्मियों को तैनात करेगा। प्रति सप्ताह थानावार एसएसपी समीक्षा करेंगे। छेड़छाड़ की घटनाएं रोकने के लिए शिक्षण संस्थाओं के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। हथियार सप्लायरों, शराब तस्करों, माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए संबंधित थाने की पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच, सर्विलांस व साइबर सेल की टीम भी सहयोग करेंगी। कुछ चर्चित मामले
2017
परीक्षितगढ़ में एक मोबाइल को लेकर राजू ने अपने पड़ोसी अमरीश की गोली मारकर की हत्या।
-सूरजकुंड में लोहा कारोबारी सुशील गर्ग की हत्या।
-कुख्यात मोनू जाट ने एक युवती के साथ छेड़खानी कर रहे अपने छोटे भाई सोनू जाट की गोली मारकर हत्या कर दी।
-लिसाड़ी गेट के ढवाई नगर में कुख्यात सारिक पक्ष के सलीम व शमी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
-देहली गेट निवासी आमिर की लिसाड़ी गेट में गोली मारकर हत्या की गई। काफी बवाल भी हुआ था।
-टीपी नगर में फल मंडी अध्यक्ष रहीसुद्दीन की हत्या कर दी गई, जिसको लेकर व्यापारियों में आक्रोश पनप गया था।
- भावनपुर में गैस गोदाम कीपर अनिल की गोली मारकर हत्या हुई।
-हास्तिनापुर में बदमाशों ने दंपती को गोलियों से भूना।
-कोतवाली में पार्षद आरिफ व उसके रिश्तेदार शादाब को गोलियों से भूना। 2018
-बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने परतापुर में मेहर चंद कसाना की उनके गेस्ट हाउस में घुसकर हत्या कर दी थी।
-लिसाड़ी गेट क्षेत्र में कपड़ा व्यापारी आरिफ को लूट का विरोध करने पर बाइक सवार दो नकाबपोश युवकों ने गोली मार दी।
-लूट में विफल बदमाशों ने गाजियाबाद निवासी मसाला कारोबारी हनी सपरा की गोली मारकर हत्या कर दी।
- सरूरपुर में बेटे की हत्या में गवाह सावित्री देवी की गोली मारकर हत्या।
-परतापुर में पोस्टमैन चंद्रपाल की गला काटकर हत्या।
-गवाह वृद्ध महिला निछत्तर कौर व भोले की गोली बरसाकर हत्या।
-जातीय हिंसा के चलते पूठा गाव में अनुसूचित युवक नीरज को मारी मारी।
-गंगा नगर थाना क्षेत्र के ईशापुरम कालोनी निवासी डोगरा रेजीमेंट के फौजी अमित जाटव का पहले अपहरण किया। फिर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।
-शास्त्री नगर में बदमाशों ने प्रॉपर्टी डीलर दानिश व उसके भाई शुएब को गोली मार दी थी। दानिश की मौके पर मौत हो गई थी। 2019
-मणप्पुरम में बदमाशों ने सोना लूटा।
-शास्त्री नगर में मोहित मदान की डकैती के बाद हत्या
-लिसाड़ी गाव में कुकर्म के बाद किशोर की हत्या इन्होंने कहा-
कानून व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए थाना स्तर पर रणनीति बनाई गई है। चुनाव के दौरान कोई भी गड़बड़ी नहीं कर पाएगा। अन्य अपराध को रोकने के लिए भी योजना के तहत काम किया जा रहा है। अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा।
-प्रशात कुमार, एडीजी-मेरठ जोन