Chandra Grahan On 26th May: चंद्रग्रहण के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहें, जानें-क्या कहना है मेरठ के ज्योतिषाचार्य का
कोरोना काल में 26 मई बुधवार को पडऩे वाले चंद्रग्रहण को ज्योतिष अलग तरह से देख रहे हैं। मेरठ सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहरनाथ मंदिर की महामंडलेश्वर नीलिमानंद महाराज का कहना है कि ग्रहण का आरंभ दोपहर 3.15 बजे होगा और मोक्ष शाम 6.23 बजे होगा।
मेरठ, जेएनएन। धर्म और ज्योतिषीय गणनाओं की दृष्टि में चंद्रग्रहण महत्वपूर्ण घटना है, जो प्रकृति के साथ साथ व्यक्तिगत रूप से भी सभी को प्रभावित करती है। चंद्रमा को जगत का मन कहा गया है। ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना जाता है। यही कारण है कि चंद्रग्रहण के समय मानसिक स्थिति में उतार चढ़ाव देखने को मिलता है। कोरोना काल में 26 मई बुधवार को पडऩे वाले चंद्रग्रहण को ज्योतिष अलग तरह से देख रहे हैं। मेरठ सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहरनाथ मंदिर की महामंडलेश्वर नीलिमानंद महाराज का कहना है कि ग्रहण का आरंभ दोपहर 3.15 बजे होगा और मोक्ष शाम 6.23 बजे होगा। जबकि चंद्रोदय शाम 6 बजे के आसपास होगा। इस चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण से नौ घंटे पहले लग जाएगा।
व्यवहार को नियंत्रित रखें
ज्योतिषाचार्य डा. उमेश पुरी का कहना है कि इस बार चंद्रग्रहण अपनी नीच राशि में होने के कारण अधिक प्रभावी रहेगा। जिससे लोग अत्यधिक पीडि़त और परेशान रहेंगे। अधिकांश लोगों में घबराहट, नकारात्मक विचार, तनाव और चिड़चिड़ापन रहेगा। इसलिए नकारात्मक विचारों से दूर रहें। 15 दिनों तक अपने व्यवहार को नियंत्रित रखें और नकारात्मक विचारों से बचें। यह चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में बनेगा। जल तत्व राशि में बनने के कारण अतिवर्षा, आंधी तूफान और भूकंप जैसी स्थितियां बनेगी।