Chamoli Tragedy: उत्तराखंड आपदा में सहारनपुर के 10 तो बिजनौर के सात श्रमिक लापता, परिजनों का हाल-बेहाल
Chamoli Tragedy मेरठ (Meerut) के बाद अब सहारनपुर (Saharanpur) के दस लोग उत्तराखंड आपदा में लापता हैं। वहीं बिजनौर (Bijnor) में भी सात लोगों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल रही है। सूचना नहीं मिलने से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
मेरठ, जेएनएन। उत्तराखंड के चमोली में आइ आपदा में सहारनपुर के दस लोग व बिजनौर से सात लोग गायब है। अभी तक इन श्रमिकों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पा रही है। जिला प्रशासन अपने स्तर से लगातार संपर्क करने को जुटा हुआ है। इधर, इनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिलने के कारण परिजन परेशान हैं। स्वजन की सांसे अटकी हुई है। वे बार-बार फोन कर रहे हैं। साथ ही अन्य प्रयासों से उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
परिवार में मचा कोहराम
10 युवक लापता होने से इनके परिवारों में मचा है कोहराम तहसील नकुड़ क्षेत्र के क़स्बा अंबेहटा से 3 युवक, वहीं तहसील बेहट क्षेत्र से 1 और तहसील सदर क्षेत्र से 6 युवक चमोली में गए थे मजदूरी करने के लिये, ये सभी 10 युवकों से अभी तक नहीं हो पाया कोई संपर्क। परिजनों का रो-रो कर है बुरा हाल, जिलाधिकारी सहारनपुर अखिलेश सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस और शहरी मुख्यालय पर कंट्रोल रूम सेंटर बनाया गया है सभी लापता मजदूरों के परिवारों से संपर्क में हैं सहारनपुर जिला प्रशासन। सहारनपुर जिले से एडीएम फाइनेंस विनोद कुमार सिंह को जोशीमठ मजदूरों की तलाश और जानकारी के लिये भेजा गया है। सहारनपुर प्रशासन लगातार उत्तराखंड के अधिकारियों के संपर्क में बना हुआ है।
बिजनौर के सात कर्मचारी लापता
उत्तराखंड के जोशीमठ में रविवार को ग्लेशियर टूटने के बाद राजपुर नवादा के सात कामगार से परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है। पीड़ित परिजनों ने मंडावली पुलिस को सूचित कर दिया है। पुलिस उत्तराखंड के अधिकारियों से संपर्क कर रही है। मंडावली थाना क्षेत्र के राजपुर नवादा निवासी अरविंद पुत्र प्रेमसिंह, पंकज पुत्र मेहर सिंह, वीरसिंह पुत्र मनवा सिंह, संजय सिंह पुत्र वीरसिंह, मामराज पुत्र हरनाम सिंह, कमल सिंह पुत्र रतिराम और हिमांशु पुत्र जयसिंह एक सप्ताह पहले उत्तराखंड में रहने वाले एक ठेकेदार के साथ जोशीमठ में मजदूरी करने गए थे।
संपर्क करने के प्रयास में जुटे हुए परिजन
परिजन बताते हैं कि उक्त ठेकेदार ने उन्हें बताया था कि वह इन सभी कामगारों को मजदूरी के लिए एक कैंप में ले गया था। ग्लेशियर फटने के बाद रविवार सुबह 10 बजे परिजनों ने उनसे मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया, किंतु संपर्क नहीं हो पाया। रविवार को परिजन इन कामगारों से संपर्क करने के प्रयास में जुटे रहे। किसी अनिष्ट की आशंका से ग्रसित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इन कामगारों के परिजनों ने थाना पुलिस को सूचित कर दिया है।
अफसरों से बनाएं हुए हैं संपर्क
उधर, थाना पुलिस ने जोशीमठ में तैनात पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से संपर्क कर उन्हें इन श्रमिकों के मोबाइल फोन ट्रेस कराए जाने की बात कही, ताकि इन श्रमिकों की तलाश की जा सके। एसओ मंडावली हिमांशु ने जोशीमठ में फंसे श्रमिकों के परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना दिए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस जोशीमठ के अफसरों से संपर्क बनाए हुए है। उधर, प्रभारी दैवीय आपदा/एडीएम वित्त एवं राजस्व अवधेश मिश्र ने बताया कि पीड़ित परिवारों से संपर्क करने के साथ-साथ जोशीमठ गए श्रमिकों को तलाश करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।