केंद्रीय भंडारण निगम के पीएफटी प्लेटफार्म का शुभारंभ, मालगाड़ी चीनी लेकर मुजफ्फरनगर से कोलकाता रवाना
केंद्रीय भंडारण निगम ने मुजफ्फरनगर में पीएफटी को मल्टी माडल लाजिस्टिक हब बनाने यूपी व दिल्ली एनसीआर हरियाणा एवं उत्तराखंड में स्थापित एवं उभरते व्यवसायों की सुविधा के लिए लांच किया है। इसमें बिछाई गई 767 मीटर लंबी दो रेल लाइनों पर मालगाड़ी का आना-जाना होगा।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), बामनहेड़ी में 18 करोड़ रुपये की लागत से बने प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल (पीएफटी) प्लेटफार्म का शुभारंभ हो गया। यहां से गुरुवार को मालगाड़ी 2688 टन चीनी लेकर कोलकाता रवाना हुई।
270 वर्गमीटर लंबा है पीएफटी प्लेटफार्म सीडब्ल्यूसी के गोदाम पर पिछले एक वर्ष से 27 हजार 270 वर्गमीटर लंबे पीएफटी प्लेटफार्म का निर्माण कार्य चल रहा था। इसमें बिछाई गई 767 मीटर लंबी दो रेल लाइनों पर मालगाड़ी का आना-जाना होगा। सीडब्ल्यूसी के वरिष्ठ सहायक प्रबंधक भवेश टोकस ने बताया कि पीएफटी प्लेटफार्म से मालगाड़ी में त्रिवेणी शुगर मिल, की 2688 टन चीनी लोड करके कोलकाता भेजी गई। 2017 तक यहां मालगाड़ी से एफसीआइ का गेहूं आता था। इसके बाद बंद हो गया। सीडब्ल्यूसी ने मुजफ्फरनगर में पीएफटी को मल्टी माडल लाजिस्टिक हब बनाने, यूपी व दिल्ली एनसीआर, हरियाणा एवं उत्तराखंड में स्थापित एवं उभरते व्यवसायों की सुविधा के लिए लांच किया है। कहा कि शीघ्र ही ओवरहेड इलेक्ट्रानिक (ओएचई) लाइन का निर्माण कार्य भी पूरा हो जायेगा। भंडारण प्रबंधक नरेश कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक रामकुमार, टोनी जैन व ठेकेदार विजय कुमार मौजूद रहे।
प्राकृतिक खेती अपनाएं, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। प्राकृतिक खेती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गुजरात के राज्यपाल देववृत आचार्य ने किसानों से संवाद किया। जनपद के किसानों से सीधा संवाद नहीं हुआ, लेकिन उनकी ओर से बताई गई तकनीक को किसानों ने बड़े ध्यान से सुना और परखा। गुरुवार को सभी ब्लाक कार्यालयों में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया। इसके लिए प्राकृतिक खेती करने वालों को भी कार्यालय में बुलाया गया। किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का अनुरोध किया गया। इस दौरान सदर ब्लाक कृषि रक्षा अधिकारी यतेंद्र व उप कृषि निदेशक आरपी चौधरी ने बाद में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया।