CCSU Meerut News: बीपीएड में प्रवेश के लिए आज से रजिस्ट्रेशन फिर शुरू, 30 नवंबर तक चलेगी प्रकिया
CCSU Meerut News यह छात्रों के पास एक और अवसर है। विवि परिसर और संबद्ध कालेजों में संचालित बीपीएड पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए आनलाइन पंजीकरण रविवार 28 नवंबर से शुरू किया जा रहा है। 30 तक चलेगी पूरी प्रक्रिया।
मेरठ, जागरण संवाददाता। CCSU Meerut News चौधरी चरण सिंह विवि की ओर से बीपीएड पाठ्यक्रमों में प्रवेश से वंचित रहे छात्रों को एक और मौका दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत कुलपति के निर्देश पर विवि परिसर और संबद्ध कालेजों में संचालित बीपीएड पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए आनलाइन पंजीकरण रविवार 28 नवंबर से शुरू किया जा रहा है।
पंजीकरण प्रक्रिया 30 नवंबर तक
विवि की वेबसाइट पर लिंक एक्टिव कर दी जाएगी। यह पंजीकरण प्रक्रिया 30 नवंबर तक चलेगी। विवि के प्रवेश समन्वयक के अनुसार जो छात्र बीपीएड में प्रवेश से वंचित रह गए थे वह इन तीन दिनों में पंजीकरण करा सकते हैं। इसके बाद कोई तिथि नहीं बढ़ाई जाएगी। बीपीएड और एमपीएड पाठ्यक्रमों में चार दिसंबर तक विवि परिसर व कालेजों में होंगे। दोनों ही विषयों में विवि ने प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाकर अब चार दिसंबर कर दिया है।
केवल 53 प्रतिशत सीटों पर ही दाखिले
मेरठ में चौधरी चरण सिंह विवि परिसर और संबद्ध कालेजों में इस सत्र में केवल 53 प्रतिशत सीटों पर ही प्रवेश हो सके हैं। विवि की ओर से स्नातक और परास्नातक की लगभग सभी पाठ्यक्रमों के प्रवेश शनिवार को बंद कर दिए हैं। विवि परिसर और संबद्ध कालेजों में कुल 2,89,675 सीटें हैं। इनमें से करीब 53 प्रतिशत यानी 1,53,920 सीटों पर शनिवार तक प्रवेश हुए हैं। वहीं करीब 47 प्रतिशत यानी 1,35,755 प्रतिशत सीटें रिक्त रह गईं हैं। यह स्थिति तब है जब विवि की ओर से प्रवेश के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में कई बार तिथियां भी बढ़ाई गईं और प्रवेश का अवसर दिया गया।
कालेजों में सीटें खाली
सीसीएसयू परिसर और संबद्ध कई कालेजों में प्रमुख विषयों की सीटें तो पूरी तरह से भर गई हैं जहां अब भी प्रवेश के लिए आवेदन हो रहे हैं। वहीं प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में कई विषयों में कालेजों में सीटें खाली ही रह गई हैं। निर्धारित सीटों के सापेक्ष बहुत कम प्रवेश हुए हैं। विवि की ओर से बीपीएड और एमपीएड जैसे कुछ पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक और अंतिम अवसर प्रदान किया गया है लेकिन इनमें भी अधिक प्रवेश की उम्मीद अब नहीं रही है।