छठी से ही कौशल विकसित करेगा सीबीएसई, ये होगें विषय Meerut News
अब बच्चों के कौशल को निखारने के लिए सीबीएसई ने कक्षा छठी से ही कक्षाएं चलाने को फैसला लिया है। इसमें कुल नौ विषयों में से किसी एक विषय का चयन करना होगा।
मेरठ, जेएनएन। छोटी उम्र से ही बच्चों को हुनरमंद बनाने के लिए सीबीएसई कक्षा छह से ही कौशल विकास के विषय पढ़ाने जा रहा है। सत्र 2020-21 से कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चे भी कौशल विकास के नौ विषयों में कोई एक विषय चुन सकते हैं। इसमें 12 घंटे का कोर्स होगा, जो कक्षा छह, सात या आठ में किया जा सकता है। यह विषय 50 अंक का होगा, जिसमें 15 अंक की थ्योरी और 35 अंक का प्रैक्टिकल होगा।
यह विषय पढ़ सकेंगे छात्र
कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों के लिए आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, ब्यूटी एंड वेलनेस, डिजाइन थिंकिंग, फाइनेंशियल लिटरेसी, हैंडीक्राफ्ट्स, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग या कमर्शियल एप्लीकेशन, मास मीडिया और ट्रैवल एंड टूरिज्म विषय लिए गए हैं। हर कोर्स 12 घंटे का ही होगा। कक्षा छह से आठवीं तक के कौशल विषयों को पढ़ाने के लिए स्कूलों को सीबीएसई को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
11वीं कक्षा में बढ़े तीन कौशल विषय
सीबीएसई ने इसी सत्र से 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में तीन नए कौशल विषय जोड़ दिए हैं। नई पीढ़ी को अधिक रचनात्मक, नवीन, शारीरिक रूप से फिट बनाने, कार्यस्थल पर वैश्विक विकास और आवश्यकताओं के साथ तालमेल रखने के लिए इन विषयों की शुरुआत की जा रही है। इन विषयों में डिजाइन-थिंकिंग, फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विषय पढ़ाए जाएंगे।
छठे विषय से होंगे पास
सीबीएसई नीति के अनुसार, यदि 10वीं का कोई भी छात्र तीन वैकल्पिक विषयों (विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान) में से किसी एक में असफल रहता है तो छठे विषय को मुख्य विषय मानकर कक्षा 10 का परिणाम दिया जाएगा। यदि असफल छात्र किसी विषय में फिर से पास होना चाहे तो कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकेंगे। इसी तरह उच्च माध्यमिक स्तर पर स्कूल 40 विषयों में से कम से कम एक या एक से अधिक कौशल आधारित विषयों को ऐच्छिक विषय के रूप में ले सकता है।
एक या दो कौशल विषय दें स्कूल
सीबीएसई माध्यमिक स्तर पर 17 कौशल विषयों और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर 37 कौशल विषय पढ़ा रहा है। बोर्ड ने स्कूलों से अनुरोध किया है कि वे कक्षा नौवीं और 11वीं के छात्रों के लिए एक या एक से अधिक कौशल विषय चुनें और इसी शैक्षणिक सत्र 2020-21 से इसकी शुरुआत करें। माध्यमिक स्तर पर मौजूदा पांच अनिवार्य विषयों के साथ एक कौशल विषय को अतिरिक्त छठे विषय के रूप में ले सकते हैं।