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दो शिक्षिकाओं को सीबीएसई शिक्षक अवार्ड

सीबीएसई की ओर से पिछले सत्र के लिए अवार्ड पाने वाले शिक्षकों की सूची जारी कर दी गई है। इसमें देश भर के 37 शिक्षक शामिल हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 09:00 AM (IST)
दो शिक्षिकाओं को सीबीएसई शिक्षक अवार्ड

मेरठ । सीबीएसई की ओर से पिछले सत्र के लिए अवार्ड पाने वाले शिक्षकों की सूची जारी कर दी गई है। इसमें देश भर के 37 शिक्षक शामिल हैं। इस सूची में मेरठ की दो शिक्षिकाएं भी चयनित की गई हैं। चयनित शिक्षिकाओं में सीजेडीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल डा. अल्पना शर्मा और केएल इंटरनेशनल स्कूल में संस्कृत शिक्षिका डा. उमा राहुल शामिल हैं। इन शिक्षिकाओं को छह सितंबर को दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा के लिए 'सीबीएसई शिक्षक सम्मान 2017-18' से नवाजा जाएगा।

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पढ़ाई के साथ व्यक्तित्व विकास पर प्रमुखता

डा. अल्पना शर्मा ने अपने शिक्षण के दौरान बच्चों की पढ़ाई के साथ ही बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर भी पूरा ध्यान दिया है। बच्चों को एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी से जोड़ने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोग्राम्स में भी प्रतिभाग करा रही हैं। केंद्रीय विद्यालय पंजाब लाइंस से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इन्होंने बीएससी, एमएससी, बीएड व पीएचडी पूरी की। दिसंबर 1990 से तीन साल डीएन पीजी कालेज में शिक्षण किया। जनवरी 1995 में डीएवी मुजफ्फरनगर में प्रिंसिपल का पद भार ग्रहण किया और वर्ष 2012 से डीएवी मेरठ में प्रिंसिपल हैं। इसके अलावा डीएवी की अलग-अलग शाखाओं में प्रबंधकीय पदों पर भी सेवाएं दे चुकी हैं। मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स में वाइस चेयरमैन के तौर पर जुड़ी हैं।

संस्कृत शिक्षा को ही बना लिया सफर

सीसीएसयू यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट डा. उमा राहुल की शुरु से ही संस्कृत में रुचि रही। उन्होंने संस्कृत शिक्षण को ही अपना सफर बनाने का निर्णय लिया और पढ़ाई पूरी करने के बाद इस ओर बढ़ गई। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद सीसीएसयू से बीए, बीएड, एमए, एमफिल और पीएचडी में रिसर्च वर्क पूरा किया। उनके पढ़ाए बच्चों ने गीता श्लोक गायन प्रतियोगिताओं में मेरठ का नाम रोशन किया है। पिछले 11 सालों से केएल इंटरनेशनल स्कूल में टीजीटी संस्कृत के तौर पर कार्यरत हैं। डा. उमा के अब तक 12 रिसर्च पब्लिश हो चुके हैं।


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