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आइसीएसई की तर्ज पर सीबीएसई ने भी स्कूलों को सौपीं जिम्मेदारी, इन परीक्षाओं में स्‍कूलों को होगा अहम रोल

बोर्ड परीक्षा में स्कूलों की जिम्मेदारी तय करने का सिलसिला सीआइएससीई ने बहुत पहले ही शुरू कर दिया था। सीबीएसई की ओर से सत्र 2021-22 के लिए आयोजित किए जा रहे टर्म-वन परीक्षा में माइनर विषयों के परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी स्कूलों को ही दी गई है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 05:41 PM (IST)
आइसीएसई की तर्ज पर सीबीएसई ने भी स्कूलों को सौपीं जिम्मेदारी, इन परीक्षाओं में स्‍कूलों को होगा अहम रोल
सीबीएसई की ओर से सत्र 2021-22 के लिए आयोजित किए जा रही टर्म-वन परीक्षा।

मेरठ, अमित तिवारी। बोर्ड परीक्षा में स्कूलों की जिम्मेदारी तय करने का सिलसिला सीआइएससीई ने बहुत पहले ही शुरू कर दिया था। काउंसिल की ओर से आयोजित आइसीएसई और आइएसी की बोर्ड परीक्षाएं स्कूलों में स्वकेंद्र में ही आयोजित होती हैं। इसी तर्ज पर सीबीएसई ने भी एक कदम बढ़ाते हुए स्कूलों को परीक्षा की जिम्मेदारी से जोड़ने का सिलसिला शुरू कर दिया है। सीबीएसई की ओर से सत्र 2021-22 के लिए आयोजित किए जा रहे टर्म-वन परीक्षा में माइनर विषयों के परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी स्कूलों को ही दी गई है। माइनर विषयों का प्रश्नपत्र सीबीएसई की ओर से ही भेजा जाएगा लेकिन सुचितापूर्ण परीक्षा का आयोजन स्कूलों को ही सुनिश्चित कराना है।

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पहले होगी माइनर विषयों की परीक्षा

सीबीएसई की ओर से टर्म-वन के लिए जारी डेटशीट के अनुसार मेजर विषयों में 10वीं की परीक्षा 30 नवंबर तो 12वीं की परीक्षा एक दिसंबर को शुरू हो रही है। वहीं माइनर विषयों में 10वीं के माइनर विषयों की परीक्षा 17 नवंबर से और 12वीं के माइनर विषयों की परीक्षा 16 नवंबर को शुरू होगी। मेजर विषयों से पहले माइनर विषयों की परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी स्कूलों को देकर सीबीएसई ने स्कूलों को अपनी व्यवस्था सुदृढ़ करने का अवसर भी दिया है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मेजर विषयों की बोर्ड परीक्षा में भी सभी बड़े स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। ऐसे में जहां मेरठ में ही 30 से 35 परीक्षा केंद्र बनते थे वहीं इनकी संख्या 60 से 70 भी हो सकती है। स्वकेंद्र पर आब्जर्वर सीबीएसई के होंगे लेकिन आयोजन को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी स्कूलों के कंधे पर ही होगी।

पारदर्शिता बरती, तो बढ़ेगा विश्वास

स्कूल यदि परीक्षाओं के आयोजन में पारदर्शिता और ईमानदारी बरतते हैं तो सीबीएसई और स्कूलों में आपसी विश्वास बढ़ेगा। भविष्य में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा नौवीं से ही 12वीं तक की कक्षाओं की शिक्षण व्यवस्था सेमेस्टर प्रणाली से ही करने का सुझाव दिया गया है। ऐसा होने पर स्कूलों में हर सेमेस्टर की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होंगी। इस लिहाज से चार साल में आठ बोर्ड परीक्षा आयोजित करना केवी सीबीएसई के लिए अधिक चुनौतिपूर्ण होगा। इसीलिए सीबीएसई की ओर से इस टर्म-वन परीक्षा में स्कूलों, अभिभावकों और छात्र-छात्राओं से सहयोग की अपील की गई है। परीक्षा ठीक से आयोजित हुई तो एक अच्छी व्यवस्था का खाका भी तैयार किया जा सकता है।


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