भ्रष्टाचार पर अंकुश की पहल : खेल संघों के 'खेल' पर अब सीबीआइ कसेगी नकेल, मांगी यह जानकारियां Meerut News
खेल के क्षेत्र में भ्रष्टाचार धोखाधड़ी और बेटिंग जैसे वारदातों के बढ़ने से भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए सीबीआइ ने पहल करते हुए खेल संघों से कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।
मेरठ, जेएनएन। क्रिकेट के अलावा अब अन्य खेलों में भी खिलाड़ियों और टीमों पर मोटी रकम निवेश किया जा रहा है। इसके साथ ही खेलकूद गतिविधियां अब एक इंडस्ट्री के तौर पर तेजी से उभर रही है। बढ़ते अवसरों के साथ ही इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और बेटिंग जैसे वारदात भी बढ़ते जा रहे हैं। खेलों में किसी भी तरह के खेल या गलत चलन पर अंकुश लगाने के लिए ही सीबीआइ ने स्पेशल इंटीग्रिटी यूनिट और स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट यानी एसआइयू का गठन किया है। इस यूनिट के प्रमुख जगरूप एस.गु सिन्हा ने 10 जनवरी को जारी पत्र में यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मंत्रालय मान्यता प्राप्त देश के सभी राष्ट्रीय खेल संघों, संगठनों व सोसायटी से विस्तृत विवरण शुक्रवार 17 जनवरी तक मांगे हैं।
रुकेंगी गलत गतिविधियां
राष्ट्रीय खेल संगठनों में क्रिकेट के बाद एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, कुश्ती, बैडमिंटन जैसे कुछ संगठनों ने ही खेल का सिस्टम विकसित किया है। राष्ट्रीय स्तर पर भी कुछ खेलों में एक से अधिक खेल संगठन सक्रिय हैं। ऐसे संगठनों के साथ जुड़कर प्रदेश व जिला स्तर पर पहुंचकर कई संगठन एक ही खेल में सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में गैर मान्यता प्राप्त संगठनों से जुड़ने पर नुकसान खिलाड़ियों का होता है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के नाम पर नेपाल से खेल कर पदक और सर्टिफिकेट लाते हैं। नौकरी की बारी आने पर उनका सर्टिफिकेट फर्जी करार दिया जाता है। अब राष्ट्रीय खेल संगठनों पर नकेल लगने से नीचे भी लगाम खींचने की तैयारी की कोशिश की जा रही है।
हर स्तर पर होगी सख्ती
जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव अन्नू कुमार के अनुसार खेलों में खिलाड़ी उम्र को लेकर खेल करते हैं। इसे रोकने के लिए बीसीसीआइ के बाद एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने खिलाड़ियों की बोन टेस्टिंग करानी शुरू की है। इसके साथ ही खिलाड़ियों का ऑनलाइन पंजीकरण कर डाटा सुरक्षित किया जा रहा है। इसके बाद संगठन स्तर पर भी मनचाहे तरीके से खिलाड़ियों को सर्टिफिकेट बांटने और प्रतियोगिताओं के रिजल्ट को अपने तरीके से बदलने पर अंकुश लगेगा। राष्ट्रीय संगठनों ने अपनी साख कायम रखने के लिए नीचे के संगठनों पर सख्ती करनी शुरू कर दी है।
सीबीआइ ने मांगी यह जानकारियां
- संबंधित खेल के फेडरेशन का नाम।
- फेडरेशन का रजिस्ट्रेशन नंबर।
- इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन व अंतरराष्ट्रीय मान्यता।
- फेडरेशन के कार्यालय का पता व अन्य जानकारी।
- खेल से संबंधित एफिलिएशन नंबर।
- संबंधित खेल से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी।
- प्रदेश, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन।
- इन प्रतियोगिताओं में उपलब्धि व संगठन की कठिनाइयां।
इनका कहना है
इस व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी। खेलों से संबंधित नियमावली का अनुपालन होगा। खेल व खिलाड़ियों के साथ कोई गलत करने से दो बार सोचेगा। जितनी सख्ती होगी रिजल्ट उतना ही बेहतर होगा।
- आले हैदर, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी