हाजी अलीम हत्याकांड : रिश्वतखोरी के आरोप की जांच को पहुंची सीबीसीआइडी
मेरठ सीबीसीआइडी पर पांच करोड़ रुपये लेकर जांच बदलने का आरोप है। सरकार के आदेश के बाद बरेली सीबीसीआइडी की एसपी को जांच सौंपी गई थी।
बुलंदशहर, जेएनएन। बसपा से दो बार शहर विधायक रहे स्व. हाजी अलीम की हत्या के मामले में सीबीसीआइडी मेरठ पर जो रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं, उसकी जांच के लिए शनिवार देर शाम सीबीसीआइडी बरेली की एक टीम बुलंदशहर पहुंची। उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों के बयान लिए। पूर्व विधायक के एक बेटे ने मेरठ की जांच एजेंसी पर सवाल खड़ा किया था कि पांच करोड़ रुपये लेकर केस की जांच को बदल दिया था और उसके भाई को बेकसूर होते हुए जेल भेजा गया।
बेडरूम में मिला था गोली लगा हुआ शव
नौ अक्टूबर 2018 में पूर्व विधायक हाजी अलीम का गोली लगा हुआ शव उनके बेडरूम में मिला था। इसके बाद उनके भाई हाजी यूनुस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के आधार पर केस को आत्महत्या माना और फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इसके बाद पूर्व विधायक के बेटे अनस ने इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की, लेकिन सरकार के आदेश पर इसकी जांच सीबीसीआइडी मेरठ को सौंप दी गई। कुछ दिन पहले सीबीसीआइडी मेरठ ने अनस को अपने पिता की हत्या के आरोप में जेल भेज दिया था। इसके बाद अनस के भाई जैद और दानिश ने सीबीसीआइडी मेरठ पर आरोप लगाया था कि एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने पांच करोड़ रुपये उनके चाचा युनूस से लेकर जांच को घुमा दिया है। इसी कारण अनस को एक साजिश के तहत जेल भेजा गया है।
इनको सौंपी गई है जांच
दानिश ने यह शिकायत प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी आदि अधिकारियों से की थी। इसके बाद आरोप की जांच शासन के आदेश पर सीबीसीआइडी बरेली की एसपी प्रज्ञा मिश्रा को सौंप दी गई। शहर कोतवाली प्रभारी अरुणा राय ने बताया कि शनिवार को सीबीसीआइडी बरेली की एक टीम जांच को आई थी। टीम हाजी युनूस के घर और अनस के भाइयों से भी मिली। दोनों पक्षों के बयान लिए और फिर उसके बाद लौट गई।
मेरठ के अधिकारियों के भी होंगे बयान
बता दें कि इस हत्याकांड की जांच सीबीसीआइडी मेरठ के इंस्पेक्टर सुनील त्यागी कर रहे थे। बरेली सीबीसीआइडी जल्द ही मेरठ सीबीसीआइडी के इंस्पेक्टर सुनील त्यागी और अन्य अधिकारियों के बयान लेगी। जिसके बाद अपनी रिपोर्ट शासन को देगी।