आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमों का 15 दिन में होगा निस्तारण
आदर्श आचार संहिता का मखौल उड़ाने वालों को इस बार परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। एसएसपी ने स्पष्ट किया है कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमों में 15 दिन में कार्रवाई पूरी कर दी जाएगी।
मेरठ, जेएनएन। आदर्श आचार संहिता का मखौल उड़ाने वालों को इस बार परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। एसएसपी ने स्पष्ट किया है कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमों में 15 दिन में कार्रवाई पूरी कर दी जाएगी। एफआर या चार्जशीट लगाकर केस डायरी को अदालत में भेज दिया जाएगा। आगे की कार्रवाई अदालत के आदेश पर की जाएगी।
विधानसभा 2022 के चुनाव में प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के खिलाफ लगातार आदर्श आचार संहिता उल्लघन, कोरोना प्रोटोकाल तोड़ने और धारा 144 का पालन नहीं करने के मुकदमे दर्ज किए जा रहे है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि सभी प्रत्याशी चुनाव आयोग की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें। नहीं करने पर उनके खिलाफ आइपीसी की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया कि आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा इस का काफी लंबा नहीं चलेगा। बल्कि ठीक पंद्रह दिन के समय में पुलिस साक्ष्य जुटाकर आरोप पत्र या एफआर कोर्ट में दाखिल कर देगी ताकि कोर्ट भी सही समय पर मुकदमों की सुनवाई कर सके।
ये है प्राविधान
थानों में दर्ज आदर्श आचार संहिता के मुकदमों में पुलिस एफआर या चार्जशीट लगाकर कोर्ट में पेश करेगी। उसके बाद कोर्ट मुकदमे में आरोपित बने लोगों को अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाएगी। अदालत के आदेश की अहवेलना करने पर आरोपित के खिलाफ वारंट जारी होगा। एफआर को स्वीकार करने के बाद अदालत मुकदमे को खत्म कर देगी, जिन मुकदमों में चार्जशीट दाखिल की गई है। उन मुकदमों में गवाह या सुबूत तलब करेगी। यदि आरोप सही पाया जाता है तो आरोपित को छह माह की जेल या एक हजार रुपये का अर्थदंड या सजा-अर्थदंड दोनों मिलेंगे। वहीं दूसरी ओर यदि आरोप गलत मिला तो मुकदमा खत्म कर दिया जाएगा।