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जिन तीन जगह से छावनी का ठेकेदार टोल की वसूली कर रहा है, उस पर बोर्ड की भी मुहर Meerut News

हाईकोर्ट की अवमानना से डरे अधिकारियों और बोर्ड सदस्यों ने शुक्रवार को बोर्ड की विशेष बैठक में बैकफुट पर आते हुए पुराने आदेश को वापस ले लिया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 12:23 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 12:23 PM (IST)
जिन तीन जगह से छावनी का ठेकेदार टोल की वसूली कर रहा है, उस पर बोर्ड की भी मुहर Meerut News
जिन तीन जगह से छावनी का ठेकेदार टोल की वसूली कर रहा है, उस पर बोर्ड की भी मुहर Meerut News

मेरठ, जेएनएन। दिल्ली रोड, मवाना रोड और रुड़की रोड सहित छावनी के सभी 11 प्वाइंटों पर टोल (व्यवसायिक वाहनों से प्रवेश शुल्क) की वसूली होगी। हाईकोर्ट की अवमानना से डरे अधिकारियों और बोर्ड सदस्यों ने शुक्रवार को बोर्ड की विशेष बैठक में बैकफुट पर आते हुए पुराने आदेश को वापस ले लिया। अब जिन तीन जगह से छावनी का ठेकेदार टोल की वसूली कर रहा है, उस पर बोर्ड की भी मुहर लग गई है।

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विशेष बैठक में केवल टोल के मुद्दे को रखा गया। बैठक में कैंट बोर्ड के सदस्यों ने 15 जनवरी की बोर्ड बैठक के प्रस्ताव को वापस ले लिया। जिसमें छावनी के 11 प्वाइंटों में से दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड के ठेके को खत्म किया गया था। टोल के एक मात्र एजेंडे को हाईकोर्ट के आदेश पर रखा गया। बैठक शुरू होने पर सीईओ प्रसाद चव्हाण ने हाईकोर्ट के आदेश का पढ़कर बोर्ड को सुनाया। बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनमोल सूद ने कहा कि अगर पहले का प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया तो सभी को कोर्ट जाना पड़ सकता है। सदस्य अनिल जैन ने कहा कि यह पहली बार हुआ जब कैंट के अधिकारियों को कोर्ट जाना पड़ा। सदस्य बीना वाधवा ने कहा कि ऐसी नौबत क्यों आने दी गई। कोर्ट में कमजोर पैरवी की बात बार-बार कही गई, लेकिन किसी से इस तरफ ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से कैंट बोर्ड के हाथ से अमृत होटल, अतिथि बैंक्वेट हाल भी निकल गया। बोर्ड अध्यक्ष ने बीच में रोकते हुए कहा कि इसे आगे देखा जाएगा। बैठक में जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित एडीएम सिटी अजय तिवारी भी कुछ नहीं बोले। इसके बाद बोर्ड सदस्यों ने हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए अपने 15 जनवरी के आदेश को वापस ले लिया।

तीन फरवरी को हाईकोर्ट में रखी जाएंगी मिनट्स

बोर्ड बैठक में पास प्रस्ताव के मिनट तैयार कर अब कैंट बोर्ड तीन फरवरी को हाईकोर्ट में रखेगा। टोल का मामला कोर्ट के हवाले हो गया है। कोर्ट के स्तर पर जब तक इसे लेकर कोई फैसला नहीं होता, ठेकेदार कोर्ट के स्टे के आधार पर सभी जगह टोल की वसूली जारी रखेगा। अब आगे कैंट बोर्ड इस मुद्दे को किस तरह से कोर्ट पर रखता है। इस पर भी लोगों की नजर रहेगी।

साख छोड़िए, खजाना भरेगा

छावनी के टोल पर जनता, जनप्रतिनिधि, कैंट बोर्ड के अधिकारी और सदस्य सभी का हित अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर जुटा है। कोर्ट के आदेश लेकर जिस तरह से ठेकेदार ने वसूली शुरू की है, उससे बोर्ड की साख पर सवाल उठ रहा है, लेकिन वित्तीय संकट से जूझ रहे कैंट बोर्ड को टोल की वसूली से हर दिन सवा चार लाख रुपये मिलने लगे हैं। इस पैसे से कैंट बोर्ड अपनी पहले की देनदारी को पूरी करेगा।

टोल पर जिम्मेदारी किसकी?

बोर्ड बैठक में हाईकोर्ट के आदेश पर बोर्ड अध्यक्ष, सीईओ, जिला प्रशासन की चुप्पी रही। जनप्रतिनिधि बैठक से नदारद रहे। ऐसे में दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड पर अगर जाम लगता है, अव्यवस्था फैलती है। वाहन चालकों से अभद्रता की जाती है। तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। दिल्ली रोड पर ठेकेदार की मनमर्जी आगे चलकर कहीं समस्या न खड़ी कर दें। जिम्मेदार लोगों को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

सांसद, विधायक और उपाध्यक्ष नहीं आए

विशेष बोर्ड बैठक में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी और सदस्य बुशरा कमाल नहीं रहीं। एडम कमांडेंट कर्नल संदीप, सदस्य बीना वाधवा, रिनी जैन, नीरज राठौर, अनिल जैन, मंजू गोयल, धमेर्ंद्र सोनकर उपस्थित रहे। 


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