Cancer treatment: नैनो तकनीक से सस्ता और बेहतर होगा कैंसर का उपचार, वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव Meerut News
डीएन डिग्री कॉलेज में हुई ई-कांफ्रेंस के दूसर दिन भी वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया। कांफ्रेंस में 52 हजार रुपये पीएम केयर फंड के लिए एकत्र किया है।
मेरठ, जेएनएन। डीएन डिग्री कॉलेज की ओर से आयोजित दो दिवसीय ई-कांफ्रेंस 'रीसेंट ट्रेंड्स ऑफ एडवांसमेंट इन मैथमैटिकल एंड फिजिकल साइंसेज के दूसरे दिन पैट्रन डा. बी एस यादव ने कहा कि विश्व कोविड-19 की मार झेल रहा है। अत: वैज्ञानिकों का नैतिक कर्तव्य है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन की शीघ्रता से खोज करें। आज सारा विश्व फिजिकल साइंस एवं बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों की तरफ देख रहा है।
गणित के रिसोर्स पर्सन दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सचिन कुमार ने गणित विषय में 'ली' ग्रुप एनलिसिस के बारे में समझाया। रसायन विज्ञान के रिसोर्स पर्सन डा. नेम ङ्क्षसह, आइआइटी दिल्ली एवं रिसर्चर कोरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, साउथ कोरिया ने बताया कि पैराबैंगनी किरणों का ऊर्जा के रूप में परिवर्तन कर नैनो तकनीक के प्रयोग से कैंसर के उपचार में आने वाली दवाई सस्ती एवं कारगर देखने को मिलेंगी।
भौतिकी के रिसोर्स पर्सन खलीफा विश्वविद्यालय संयुक्त अरब अमीरात में एसोसिएट प्रोफेसर डा. नृपेंद्र सिह ने बताया कि ग्रैफीन का प्रयोग ऊर्जा सेंसर, ट्रॉन्जिस्टर एवं गैस सेंसर आदि में किया जाता है। बॉयो सेंसर का प्रयोग कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करने में भी किया जा सकता है। इस कांफ्रेंस में देश-विदेश के करीब 600 प्रतिभागियों ने 20 देशों से हिस्सा लिया। कांफ्रेंस ने 52 हजार रुपये पीएम केअर फंड के लिए एकत्र किया।