Year Ender 2020: कोरोना की मार से उबरने लगा है मेरठ का व्यापार, व्यापारियों के लिए न भूलने वाला रहा 2020
Year Ender 2020 मेरठ का बाजार वर्ष 2020 में कोरोना की भेंट चढ़ा रहा। पुलिस-प्रशासन के त्वरित और उचित निर्णय न लिए जाने के कारण भी व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई मौकों पर पुलिस और व्यापारियों के बीच आपस में विरोध की स्थितियां बनी।
मेरठ, जेएनएन। साल 2020 मेरठ के व्यापारियों की स्मृति में वर्षों तक बना रहेगा। मेरठ का बाजार वर्ष 2020 में कोरोना की भेंट चढ़ा रहा। पुलिस-प्रशासन के त्वरित और उचित निर्णय न लिए जाने के कारण भी व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई मौकों पर पुलिस और व्यापारियों के बीच आपस में विरोध की स्थितियां बनी। अब नए साल में व्यापार के पटरी पर आने की उम्मीद व्यवसायी लगाए हुए हैं। सिनेमा हाल और मंडप को छोड़ दें व्यापार का हर क्षेत्र अब सुचारू रूप से आरंभ हो गया है। दीपावली और सहालग के सीजन में बाजारों में चहल-पहल दर्शा रही थी कि मेरठ कोरोना के खौफ से उबर चुका है। कारों की जबरदस्त बिक्री दीपावली पर हुई। कोरोना काल के भीषण संक्रमण के दौर में सोना लगभग 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया वह अब धीरे - धीरे 51 से 52 हजार रुपये के बीच है। जिससे शादी के सीजन में अच्छी खरीददारी हुई है।
2020 के आरंभ में ढ़ाई माह व्यापार ने अच्छी गति पकड़ी थी। ज्वैलरी, वाहन, स्पोर्टस, हैंडलूम समेत व्यापार के हर क्षेत्र में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई थी। 20 मार्च से लाकडाउन लागू होने के बाद खाद्य, घरेलु प्रयोग की वस्तुओं को छोड़कर शेष सभी सेक्टर प्रभावित हुए। मेरठ में संक्रमण ज्यादा होने के कारण नब्बे दिन का लाकडाउन यहां पर 130 दिन तक प्रभावी रहा।
व्यापारियों के संगठन संयुक्त व्यापार संघ ने साढ़े तीन माह से बंद पड़े प्रतिष्ठानों को खोलने के लिए धरना-प्रदर्शन भी किया। जिस समय व्यापारियों ने दुकानें खोली तो फर्नीचर में दीमक लग लग चुकी थी। दुकानों में सीलन आ जाने कपड़े, कागज आदि बेकार हो चुका था। मिष्ठान विक्रेता, बेकरी में कुंतलों सामग्री का नुकसान हुआ। प्रशासन ने कुछ ही घंटे सफाई के लिए दिए थे। मेरठ का यह दौर भी व्यापारियों को चिर काल तक याद रहेगा।
लाकडाउन के दौरान कोटला, नवीन मंडी, सदर दाल मंडी में सुबह तीन से चार घंटे दुकानें खुलने की छूट थी। इन थोक बाजारों में उमडऩे वाली भीड़ से शारीरिक दूरी का अनुपालन कराना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ। खाद्यान्न और दवाओं की दुकानें हालांकि खुले रखने के आदेश थे पर माल ले जाने और लाने के दौरान पुलिस के रोकने और चालन करने के मामले होने से व्यापारिक संगठन और प्रशासन-आमने सामने भी आए। हाटस्पाट में दुकानों को खोले जाने को लेकर पुलिस ने व्यापारियों का चालन भी किया। बेगमपुल में तो एक पुस्तक विक्रेता मात्र दुकान का शटर खोलकर जरूरी कागज निकालने गए उनका भी पुलिस ने चालान कर दिया। जिसका काफी विरोध हुआ।
नवीन मंडी में संक्रमण का बम फूटने के बाद मंडी बंद कर दी गई। प्रशासन का सब्जी मंडी को जागृति विहार एक्सटेंशन में शिफ्ट करने का प्रयोग भी सफल नहीं रहा। लगभग 15 दिनों तक मंडी बंद रही।
जून के अंत में बाजार खुले लेकिन हाटस्पाट को लेकर कई बार प्रशासन और व्यापारी आमने सामने नजर आए। आबूलेन, सदर बाजार, कोटला, लालकुर्ती पैंठ क्षेत्र, सेंट्रल मार्केट समेत मुख्य बाजारों में भीड़ न जुटे इसके लिए एक साइड की दुकानें खोलने और एक साइड की बंद करने का प्रयोग चला। अब जब कि सभी बाजार सामान्य रूप से खुल रहे हैं। सिनेमा हाल, होटलों और मंडप पर अभी भी कोरोना का साया है।
संयुक्त व्यापार संघ अजय गुट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमल ठाकुर ने कहा कि खाद्यान्न और घरेलू उपयोग की वस्तुओं का बाजार कोरोना काल में पनपा है। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने बताया कि ङ्क्षप्रङ्क्षटग व्यवसाय, पुस्तक और कापियों के विक्रेताओं का काम अभी पटरी पर नहीं आया है। स्पोर्टस और हैंडलूम जैसे सेक्टरों से जुड़े व्यापारी दूसरे शहरों में जाने से अभी बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए साल में व्यापार जगत तेजी की आशाएं लगाए हुए है।