बस अड्डे पर मारमारी, बाहर सवारियां ढोती रहीं डग्गामार बसें
रोडवेज बस अड्डों पर सोमवार शाम को उतरी बीएड परीक्षार्थियों की भीड़ से व्यवस्था बेपटरी होती नजर आई।
मेरठ । रोडवेज बस अड्डों पर सोमवार शाम को उतरी बीएड परीक्षार्थियों की भीड़ से व्यवस्था बेपटरी होती नजर आई। भैंसाली और सोहराब गेट डिपो पर अधिकारियों द्वारा दर्जनों बसें रोककर रखी गई थीं, लेकिन भारी भीड़ के चलते कई रूटों पर बसों का टोटा रहा। रात आठ बजे तक बस अड्डों पर अफरातफरी रही। वहीं भैंसाली बस अड्डे के सामने से ही डग्गामार बसें यात्रियों को बैठाती रहीं, लेकिन न तो मौके पर रोडवेज और न ही ट्रैफिक पुलिस ने कोई कार्रवाई की।
सोमवार को हजारों की संख्या में दूसरे जनपदों से परीक्षार्थी मेरठ आए थे। शाम पांच बजे पेपर समाप्त होने के बाद बस अड्डों पर परीक्षार्थी उमड़ने शुरू हो गए थे। भैंसाली बस स्टैंड में 50 और सोहराब गेट डिपो में लगभग चालीस बसें गाजियाबाद, खतौली, शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, आगरा, मवाना, हस्तिनापुर आदि स्थानों के लिए खड़ी कर रखी थीं। लेकिन मिनटों में ही सारी बसें फुल हो गई। वहीं भैंसाली डिपो पर बिजनौर, कोटद्वार, हस्तिनापुर के लिए सैकड़ों यात्री घंटो बसों का इंतजार ही करते रह गए। वहीं दिल्ली के लिए भी बसें नहीं मिली। आरएम नीरज सक्सेना ने बताया कि मुरादनगर और गंगानगर में जाम लग जाने के कारण 25 बसें होल्ड हो गई जिससे यात्रियों को इंतजार करना पड़ा।
अधिकारियों के सामने निकलीं डग्गामार बसें
शाम को जिस समय भैंसाली बस अड्डे पर परीक्षार्थियों की भारी भीड़ थी उस समय रोडवेज के आला अधिकारी और ट्रैफिक पुलिस के टीआइ और अन्य स्टाफ मौजूद रहा। इसी बीच डग्गामार बसें बिना किसी रोकटोक के यात्रियों को बैठाती रहीं, लेकिन किसी ने उन्हें नहीं रोका। जबकि बस अड्डे के एक किलोमीटर के दायरे में किसी निजी बस सेवा का संचालन गैरकानूनी है। एआरएम नीरज सक्सेना ने बताया कि रोडवेज का स्टाफ समय-समय पर डग्गामार बसों को रोकता है। लेकिन कानूनी कार्रवाई का जिम्मा परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के पास है। ट्रैफिक पुलिस को बसों को सीज करने की कार्रवाई करनी चाहिए।