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मुंबई-अहमदाबाद ही नहीं देश के अन्य 12 रूटों पर भी दौड़ेगी बुलेट ट्रेन!

मुंबई-अहमदाबाद की तर्ज पर देश के अन्य 12 रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने के लिए सर्वे किया जा रहा है।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 01:44 PM (IST)
मुंबई-अहमदाबाद ही नहीं देश के अन्य 12 रूटों पर भी दौड़ेगी बुलेट ट्रेन!
मुंबई-अहमदाबाद ही नहीं देश के अन्य 12 रूटों पर भी दौड़ेगी बुलेट ट्रेन!
संतोष शुक्ल, मेरठ। जापान की तर्ज पर भारत में भी बुलेट ट्रेनों का रोमांच नए दौर में पहुंच गया है। मुंबई-अहमदाबाद की तर्ज पर देश के अन्य 12 रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन नई दिल्ली से गाजियाबाद वाया हापुड़, वाराणसी तक बुलेट ट्रेन की संभावनाओं को खंगाल रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो 720 किमी की दूरी महज महज तीन घंटे में पूरी होगी।
छोटी दूरी के शहरों पर फोकस
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बताया कि विशेषज्ञों की टीम देश में 12 रूटों की सर्वे रिपोर्ट भारत सरकार को सौपेंगी। इसमें नई दिल्ली -मुरादबाद-वाराणसी पर विशेष फोकस है। बुलेट ट्रेन का रूट, यात्रियों की संख्या, दो स्टेशनों के बीच की दूरी, क्षेत्र की आर्थिक स्थिति एवं जमीन की गुणवत्ता और उपलब्धता का आंकलन किया जा रहा है। ये ट्रेनें 320 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ेंगी।
12 रूटों का चयन
रेल मंत्रालय ने देश के ऐसे 12 रूटों का चयन किया है, जो सबसे तेज एवं व्यस्त गलियारों में माने जाते हैं। इस कड़ी में जर्मनी की सर्वे टीम ने मैसूर-चेन्नई रेलखंड पर प्रथम चरण की रिपोर्ट बना ली है। नई दिल्ली-भोपाल, नई दिल्ली-मुंबई, पुणे-मुंबई, हैदराबाद-चेन्नई, प्रयागराज-पटना, बंगलुरु-चेन्नई-तिवेंद्रम समेत कई ट्रैकों पर फिजिबिलटी रिपोर्ट बनाई जा रही है।
हापुड़ से भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन
नई दिल्ली-कानपुर-प्रयागराज रूट का कई बार सर्वे हो चुका है। उधर, नई दिल्ली-वाराणसी के बीच दोहरीकरण करने के साथ ही ट्रैक की क्षमता को बढ़ाया गया है। इस ट्रैक पर 180 से 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार वाली सेमी बुलेट ट्रेन आजमाई जा चुकी है। विशेषज्ञों की मानें तो बुलेट के लिए नया कॉरीडोर भी बनाया जा सकता है। 
ये है बुलेट ट्रेन
ये ट्रेनें 300 किमी प्रति घंटा से ज्यादा रफ्तार से दौड़ती हैं। ट्रेन का इंजन पूरी तरह एरोडायनमिक होता है। यह अत्यंत सुरक्षित माना गया है। जापान में सबसे पहले 1964 में बुलेट ट्रेन चली थी। आज तक किसी यात्री की मौत नहीं हुई। अब चीन, फ्रांस, दक्षिण कोरिया में बुलेट ट्रेन यात्रा का बेहद अहम जरिया है। भारत में इसका किराया फ‌र्स्ट एसी के किराए से डेढ़ गुना होगा।

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