बुलंदशहर : 31 को मेरठ मेडिकल कालेज बोर्ड के समक्ष पेश होगी गर्भवती किशोरी, हाईकोर्ट से मांगी है गर्भपात की अनुमति
बुलंदशहर में 11वीं की छात्रा का जनवरी माह में कार सवार तीन युवकों ने घर से स्कूल जाते समय अपहरण कर लिया था। किशोरी छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया। वह गर्भवती हो गई थी। किशोरी ने हाईकोर्ट में अर्जी पेशकर गर्भपात की अनुमति मांगी है।
बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। बुलंदशहर की एक दुष्कर्म पीडि़ता किशोरी की अपील पर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। गर्भपात के लिए उसे मेरठ मेडिकल बोर्ड के समक्ष 31 अगस्त को पुलिस संरक्षण में पेश किया जाएगा। बोर्ड के सदस्यों की सहमति से गर्भपात पर फैसला किया जाएगा।
स्कूल जाते वक्त किया था किडनैप
शिकारपुर थाना क्षेत्र निवासी 11वीं की छात्रा का 28 जनवरी 2021 को कार सवार तीन युवकों ने घर से स्कूल जाते समय अपहरण कर लिया था। पीडि़त पिता ने मेरठ जिले के सरधना थानाक्षेत्र के कुशावली गांव निवासी मंजीत सिंह उर्फ राकेश उर्फ रॉकी के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस के नाकाम होने पर इसकी जांच सीबीसीआइडी (क्राइम-ब्रांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) ने की थी।
बंधक बनाकर किया गया था दुष्कर्म
सीबीसीआइडी ने किशोरी को डेढ़ माह बाद सहारनपुर स्थित एक होटल से बरामद कर लिया था। पीडि़ता ने 164 के बयान में बताया था कि मंजीत ने उसे बंधक बनाकर अलग-अलग होटलों में ले जाकर दुष्कर्म किया, जबकि शिकारपुर निवासी रोहित व चालक राहुल निवासी कुशावली गांव ने उसका साथ दिया था। किशोरी ने बताया था कि वह गर्भवती है। सीबीसीआइडी ने मुख्य आरोपित मंजीत उर्फ राकेश उर्फ रॉकी को गिरफ्तार कर शिकारपुर पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने मंजीत समेत तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया।
इनका कहना है
हाईकोर्ट के निर्देश प्राप्त हो चुके हैं। शिकारपुर पुलिस पीडि़ता को लेकर मेरठ मेडिकल कालेज जाएगी। जैसा भी मेरठ मेडिकल बोर्ड निर्देश देगा उसका पालन कराया जाएगा। मुख्य आरोपित मंजीत के खिलाफ सुनियोजित अपहरण, बंधक बनाकर दुष्कर्म और पास्को आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों आरोपित जेल में हैं।
- संतोष कुमार सिंह, एसएसपी, बुलंदशहर
दो माह पूर्व गर्भपात के लिए डाली गई याचिका हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है। 31 अगस्त को पीडि़ता को मेरठ ले जाया जाएगा। तीनों आरोपितों के खिलाफ चार दिन पूर्व ही पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है।
- अभिनव अग्रवाल, अधिवक्ता क्रिमिनल व सिविल।