बुलंदशहर: देश-विदेश में है पाटरी नगरी खुर्जा की पहचान, जर्जर सड़कें कर रहीं परेशान
पाटरी उद्योग के लिए खुर्जा देश ही नहीं वरन विदेशों में भी अपनी पहचान रखता है। समय-समय पर विदेशी भी यहां की पाटरी इकाइयों में भ्रमण करने आते रहते हैं और देशभर के व्यापारियों का तो आना-जाना लगातार लगा रहता है। पाटरी सेंटर एरिया में कई सड़क जर्जर हैं।
बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। खुर्जा के पाटरी सेंटर एरिया में जर्जर पड़ी सड़कों को मरम्मत का इंतजार है। कारोबारियों द्वारा सड़कों की मरम्मत को लेकर कई बार शिकायतें दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
पॉटरी सेंटर एरिया में कई सड़क जर्जर
पाटरी उद्योग के लिए खुर्जा देश ही नहीं वरन विदेशों में भी अपनी अलग पहचान रखता है। समय-समय पर विदेशी भी यहां की पॉटरी इकाइयों में भ्रमण करने के लिए आते रहते हैं और देशभर के व्यापारियों का तो आना-जाना लगातार लगा रहता है। पाटरी सेंटर एरिया में कई सड़क जर्जर हालत में हैं। जिनको देखकर यहां आने वाले व्यापारी समेत अन्य लोगों के मन में पाटरी की छवि धूमिल होती है। ऐसे में सड़क निर्माण को लेकर यहां के कारोबारियों द्वारा कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन उसके बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिस कारण सड़क निर्माण की समस्या जस की तस बनी हुई है। पॉटरी सेंटर एरिया, मूंडाखेड़ा की तरफ पॉटरी इकाइयों आदि जगह सड़क जर्जर हैं। वहीं सड़कों पर साफ-सफाई का भी अभाव है। सड़कों के अलावा नाले और नालियों में भी साफ-सफाई का अभाव है। उधर खुर्जा पॉटरी मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि राणा ने बताया कि सड़क बनाने और नालियों की साफ-सफाई को लेकर कई बार शिकायतें की गई हैं।
जीटी रोड पर 1.10 करोड़ की लागत से बन रहा डिवाइडर
बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। खुर्जा में पुराने डिवाइडर को हटाकर उसके स्थान पर आरसीसी डिवाइडर के निर्माण का कार्य शुरू हो गया और डिवाइडर बनाने के एरिया में सड़क किनारे दोनों तरफ इंटरलाकिंग का कार्य भी कराया जा रहा है।
खुर्जा में जीटी रोड पर नेहरूपुर चुंगी के निकट करीब 11 सौ मीटर का डिवाइडर खस्ता हालत में था। साथ ही डिवाइडर के कम ऊंचा होने के चलते वाहन भी इधर-उधर आसानी से निकल जाते थे। ऐसे में राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था और हादसे का खतरा भी बना रहता था। जिसको ध्यान में रखते हुए खुर्जा विकास प्राधिकरण द्वारा डिवाइडर निर्माण की योजना बनाई गई। साथ ही इसके लिए एक करोड़ दस लाख रुपये स्वीकृत किए गए। रुपये स्वीकृत होने के बाद ही डिवाइडर के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। करीब ढाई-तीन फुट ऊंचा आरसीसी डिवाइडर तैयार किया जा रहा है। इतना ही नहीं जिस 11 सौ मीटर के एरिया में डिवाइडर बनाया जा रहा है। वहां पर सड़क किनारे दोनों तरफ इंटरलाकिंग का कार्य भी शुरू करा दिया गया। केडीए के अधीक्षण अभियंता सिराज अहमद ने बताया कि करीब एक माह के अंदर कार्य पूरा करा दिया जाएगा।
कार्य के चलते एक तरफ निकाले जा रहे वाहन
डिवाइडर निर्माण के कार्य के चलते जीटी रोड पर वाहनों को एक तरफ से होकर निकाला जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने तक इसी तरह से वाहनों का आवागमन रहेगा। जिसको लेकर केडीए की तरफ से चेतावनी बोर्ड भी सड़क तक दोनों तरफ लगाए गए हैं।