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दुल्हन के परिजनों ने घेरा थाना, पुलिस ने सपा नेता के घर दी दबिश

दूल्हा-दुल्हन पर हमले के मामले में आज दुल्हन के परिजनों ने भावनपुर थाने पर प्रदर्शन किया। उन्होंने सपा नेता समेत अन्य नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की।

By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 12:49 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 12:49 PM (IST)
दुल्हन के परिजनों ने घेरा थाना, पुलिस ने सपा नेता के घर दी दबिश
दुल्हन के परिजनों ने घेरा थाना, पुलिस ने सपा नेता के घर दी दबिश
मेरठ, जेएनएन। भावनपुर थाना क्षेत्र में रविवार रात पचपेड़ा में दूल्हा-दुल्हन से मारपीट व लूटपाट के मामले में सोमवार सुबह दुल्हन के गांव अलीपुर आलमपुर के सैकड़ों लोगों ने थाना घेर लिया। ग्रामीणों ने सपा नेता आरिफ चौहान समेत अन्य नामजद आरोपितों शाहबाज व शादाब को गिरफ्तार करने की मांग की। थाने पर सीओ सदर देहात चक्रपाणि त्रिपाठी, सीओ दौराला जितेंद्र कुमार सरगम, एसपी क्राइम डॉक्टर बीपी अशोक मौजूद रहे। पुलिस अधिकारियों ने तत्काल पीड़ित पक्ष के दो प्रत्यक्षदर्शी युवकों को साथ लेकर आरोपितों के घर दबिश के लिए टीम भेज दी। सपा नेता के घर ताला लटका मिला।

बवाली है सपा नेता परिवार, पुलिस पर किया था हमला
दूल्हा-दुल्हन की कार में तोड़फोड़ कर लूटपाट-मारपीट करने में सपा नेता आरिफ चौहान के दो बेटों समेत सात लोग नामजद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक आरिफ चौहान का परिवार बवाल में माहिर है। तीन साल पहले पचपेड़ा में दबिश देने आई गाजियाबाद पुलिस पर आरिफ चौहान व अन्य ने हमला कर हत्यारोपित को छुड़ाया था। इस मामले में आरिफ चौहान सहित छह-सात नामजद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि, राजनैतिक दबाव में मामला ठंडे बस्ते में जाता रहा।
रात में दी थी तहरीर
रविवार को हुई घटना में दुल्हन के भाई गौरव शर्मा पुत्र प्रवेश शर्मा ने तहरीर दी। उसके मुताबिक सपा नेता आरिफ चौहान के घर के बाहर उक्त घटना हुई। उसमें सपा नेता के बेटे शाहबाज और शादाब शामिल रहे। पुलिस ने तहरीर के आधार पर शाहबाज व शादाब के अलावा पचपेड़ा निवासी कामरान, नदीम, यूसुफ, बहादुर, और इमरान को नामजद कर 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ लूटपाट, तोड़फोड़, बलवा, जानलेवा हमला व दुल्हन से बदसलूकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पूर्व मंत्री का करीबी है सपा नेता
जानकारी के मुताबिक सपा नेता आरिफ चौहान जिले के एक पूर्व मंत्री का दायां हाथ माना जाता है। गाजियाबाद पुलिस पर हमले की घटना के बाद इन्हीं मंत्री जी के सहयोग से मामला ठंडे बस्ते में गया। पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने मुकदमे में ढिलाई पर पुलिस को आड़े हाथों लिया था। जिसके बाद उन्हें तबादला झेलना पड़ा था। उक्त प्रकरण प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा था।

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