Weather Alert : तेज धूप में रखिए अपना ख्याल, अस्पतालों में पहुंच रहे हैं ब्रेन स्ट्रोक के मरीज
आप भी तेज धूप में संभल कर रहें। जरा-सी लापरवाही कहीं जान पर भारी न पड़ जाए। क्योंकि तेज धूप की वजह से रक्त गाढ़ा हो रहा है। अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज पहुंच रहे हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 09:59 AM (IST)
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। तेज धूप और जरा-सी लापरवाही। कहीं जान पर भारी न पड़ जाए। क्योंकि तेज धूप की वजह से रक्त गाढ़ा हो रहा है। अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज पहुंच रहे हैं। ओपीडी में कई मरीज बेहोश तक हो गए। चिकित्सकों का कहना है कि धूप में ज्यादा देर रहने से हीमोकंसंट्रेशन बढ़ रहा है। शरीर का तापमान अनियंत्रित हो सकता है। उधर, पेशाब कम बनने से कई मरीजों में किडनी की इंजरी बढ़ी है।
खून गाढ़ा होने पर बेहोशी
मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जन डा.संजय शर्मा ने बताया कि 40 डिग्री तापमान पार करते ही शरीर में पानी कम होने लगता है। खून गाढ़ा होने से चक्कर आने के अलावा कई मरीज बेहोश हो जाते हैं। इसकी वजह से ओपीडी में ब्रेन स्ट्रोक के भी मरीज पहुंचे हैं। बताया कि 42 डिग्री में घर से निकलने वाले कई लोग पानी कम पीते हैं। पसीने से शरीर का सोडियम निकल जाता है और पेशाब कम बनता है।
44 के तापमान पर खतरा अधिक
ब्रेन में स्थित हाइपोथेलमस शरीर के तापमान को 37 डिग्री के आसपास नियंत्रित करता है। लेकिन,सिस्टम बिगड़ने पर तेज बुखार होता है। स्ट्रोक से मरीज की जान तक जा सकती है। डाक्टरों का कहना है कि आने वाले दिनों में पारा 44 डिग्री तक पहुंचेगा,जिसमें हीट स्ट्रोक का खतरा सर्वाधिक होता है। ज्यादा धूप में दिमाग के न्यूरान मरने लगते हैं। मरीज गफलत और बेहोशी की ओर बढ़ता है। 104 डिग्री बुखार में थर्मोस्टेट बिगड़ने से शरीर का कूलिंग सिस्टम बिगड़ जाता है।
इनका कहना है
ओपीडी में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज पहुंच रहे हैं। ज्यादा कड़ी धूप में देर तक रहने से शरीर का पानी कम होता है,ऐसे में खून गाढ़ा होने के साथ स्ट्रोक की आशंका बढ़ती जाती है। 42 डिग्री तापमान में शरीर का प्राकृतिक कूलिंग सिस्टम बिगड़ने से होने वाला हीट स्ट्रोक जानलेवा है। घर से खूब पानी पीकर निकलें।
- डा. संजय शर्मा, न्यूरोसर्जन, मेडिकल कॉलेज
एनसीआर क्षेत्र में अभी ड्राई हीट चल रही है,जिसमें पसीना ज्यादा निकलता है। जाड़े की तरह इस मौसम में भी रक्त गाढ़ा होने से मरीजों पर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा है। वयस्क व्यक्ति को पांच लीटर तक पानी पीना चाहिए। बच्चे धूप में न निकलें। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस-सोडियम,पोटेशियम और कैल्शियम की मात्र कम न होने पाए।
- डा. सचिन तोमर, न्यूरोसर्जन, केएमसी
खून गाढ़ा होने पर बेहोशी
मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जन डा.संजय शर्मा ने बताया कि 40 डिग्री तापमान पार करते ही शरीर में पानी कम होने लगता है। खून गाढ़ा होने से चक्कर आने के अलावा कई मरीज बेहोश हो जाते हैं। इसकी वजह से ओपीडी में ब्रेन स्ट्रोक के भी मरीज पहुंचे हैं। बताया कि 42 डिग्री में घर से निकलने वाले कई लोग पानी कम पीते हैं। पसीने से शरीर का सोडियम निकल जाता है और पेशाब कम बनता है।
44 के तापमान पर खतरा अधिक
ब्रेन में स्थित हाइपोथेलमस शरीर के तापमान को 37 डिग्री के आसपास नियंत्रित करता है। लेकिन,सिस्टम बिगड़ने पर तेज बुखार होता है। स्ट्रोक से मरीज की जान तक जा सकती है। डाक्टरों का कहना है कि आने वाले दिनों में पारा 44 डिग्री तक पहुंचेगा,जिसमें हीट स्ट्रोक का खतरा सर्वाधिक होता है। ज्यादा धूप में दिमाग के न्यूरान मरने लगते हैं। मरीज गफलत और बेहोशी की ओर बढ़ता है। 104 डिग्री बुखार में थर्मोस्टेट बिगड़ने से शरीर का कूलिंग सिस्टम बिगड़ जाता है।
इनका कहना है
ओपीडी में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज पहुंच रहे हैं। ज्यादा कड़ी धूप में देर तक रहने से शरीर का पानी कम होता है,ऐसे में खून गाढ़ा होने के साथ स्ट्रोक की आशंका बढ़ती जाती है। 42 डिग्री तापमान में शरीर का प्राकृतिक कूलिंग सिस्टम बिगड़ने से होने वाला हीट स्ट्रोक जानलेवा है। घर से खूब पानी पीकर निकलें।
- डा. संजय शर्मा, न्यूरोसर्जन, मेडिकल कॉलेज
एनसीआर क्षेत्र में अभी ड्राई हीट चल रही है,जिसमें पसीना ज्यादा निकलता है। जाड़े की तरह इस मौसम में भी रक्त गाढ़ा होने से मरीजों पर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा है। वयस्क व्यक्ति को पांच लीटर तक पानी पीना चाहिए। बच्चे धूप में न निकलें। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस-सोडियम,पोटेशियम और कैल्शियम की मात्र कम न होने पाए।
- डा. सचिन तोमर, न्यूरोसर्जन, केएमसी
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें