Move to Jagran APP

छोटे भाई के आंसू देख भाकियू अध्यक्ष नरेश ट‍िकैत ने किया एलान, जांच पूरी होने तक नहीं देंगे गिरफ्तारी

छोटे भाई राकेश टिकैत के आंसू देख भाकियू अध्यक्ष ने किया एलान। बोले हालात बिगड़ने पर सरकार और शासन-प्रशासन होंगे जिम्मेदार। चौधरी नरेश टिकैत ने रात को फिर से किसान पंचायत बुलाई और एलान किया कि शुक्रवार को जीआइसी मैदान में पंचायत कर अगला निर्णय लिया जाएगा।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 11:29 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 06:34 AM (IST)
छोटे भाई के आंसू देख भाकियू अध्यक्ष नरेश ट‍िकैत ने किया एलान, जांच पूरी होने तक नहीं देंगे गिरफ्तारी
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे धरने को उठाने संबंधित बयान देने के चंद घंटे बाद ही छोटे भाई चौधरी राकेश टिकैत के आंसू देख भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सुर बदल लिए। दिन में गाजीपुर बार्डर से धरना उठाने की बात कहने वाले चौधरी नरेश टिकैत ने रात को फिर से किसान पंचायत बुलाई और एलान किया कि शुक्रवार को जीआइसी मैदान में पंचायत कर अगला निर्णय लिया जाएगा।

loksabha election banner

गुरुवार शाम को चौधरी नरेश टिकैत ने सिसौली के किसान भवन में कहा कि कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर लगभग दो माह से चल रहा धरना उठा लिया जाएगा। हालांकि देर शाम भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का रोते हुए वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ। इसमें चौधरी राकेश टिकैत कह रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद न किया गया तो वह आत्महत्या कर लेंगे। चौधरी राकेश टिकैत के इस बयान के बाद सिसौली समेत आसपास के क्षेत्र में असमंजस पैदा हो गया। इसके बाद रात करीब नौ बजे भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने आपात किसान पंचायत बुला ली। इसमें उन्होंने कहा कि शुक्रवार को दिन में 11 बजे सभी लोग मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कालेज मैदान में जुटेंगे। किसान आंदोलन में आगे की रणनीति पर वहीं निर्णय लिया जाएगा। चौधरी टिकैत ने कहा कि रात में गाजीपुर बार्डर पर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। बगैर जांच पूरी हुए यदि गिरफ्तारी की गई तो हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कानून हाथ में नहीं लेते, लेकिन सरकार ऐसा करने को मजबूर कर रही है। पंचायत में रालोद के पूर्व विधायक राजपाल बालियान ने भी समर्थन का आश्वासन दिया।

चुप नहीं बैठेगा किसान : नरेश टिकैत

इससे पूर्व दोपहर में चौधरी नरेश टिकैत ने सिसौली में ही आयोजित किसान पंचायत में कहा कि किसानों को बदनाम करने और आंदोलन को खत्म करने की साजिश रची गई है। किसान चुप नहीं बैठेगा। टिकैत ने कहा कि शासन-प्रशासन कान खोलकर सुन ले, गलत बात बर्दाश्त नहीं करेंगे और नाक में नकेल डाल देंगे। वर्ष 2022 के चुनाव में जवाब देंगे।

नरेश टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार को आंदोलन खत्म करने के लिए रास्ता नहीं मिल रहा था। आरोप लगाया कि अपने आदमी आंदोलनकारियों में शामिल कर ह‍िंसा कराई और किसानों और जवानों को भिड़वा दिया। किसान पर जो कलंक लगाया जा रहा है, इसका जवाब भी अन्नदाता देगा। भाकियू कार्यकर्ता लाठी-डंडे चला सकता है, बेरीकेङ्क्षडग तोड़ सकता है, लेकिन तिरंगे का अपमान नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं, इससे डरने या भागने की? जरूरत नहीं है। भाजपा ने हमें बहकाया और सत्ता तक पहुंच गई। सरकार ने लालकिले की? रक्षा क्यों नहीं की? दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं हुए? यदि सरकार कानून वापस ले लेती तो क्या बिगड़ जाता? चार साल से गन्ने का दाम भी नहीं बढ़ाया गया। इस दौरान जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान, वीरेंद्र लाटियान, अनूप बालियान, विपुल निर्वाल आदि मौजूद रहे।

...तो फिर बालियान की भी संपत्ति की जांच होगी

पंचायत में किसानों ने कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान दो माह मौन रहे। अब किसानों से वापस आने की अपील कर रहे हैं। कई किसानों ने कहा कि उनका क्षेत्र में आने पर विरोध करेंगे। यदि वह किसान के साथ हैं तो भाजपा से इस्तीफा दें। इस पर चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सांसद ऐसा क्यों करेंगे। यदि उन्होंने ऐसा किया तो उनकी भी संपत्ति की जांच शुरू हो जाएगी।

मुकदमे के विरोध में भाकियू ने दिया थानों पर धरना

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर थानों के बाहर धरना दिया और पुलिस को ज्ञापन देकर मुकदमा वापस लेने की मांग की। इस दौरान थानों के बाहर बेरिकेड‍िंग लगाकर फोर्स तैनात की गई थी। भोपा में थाने में घुसने से रोकने पर भाकियू कार्यकर्ताओं की पुलिस ने नोकझोंक हुई। इसके बाद कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। उधर, शाहपुर, चरथावल, छपार, पुरकाजी में थानों में न घुसने देने पर कार्यकर्ताओं ने थानों के बाहर ही धरना दिया। इसके अलावा जानसठ, नई मंडी कोतवाली के बाहर भाकियू कार्यकर्ताओं ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.