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किसानों ने नहीं किया चक्का जाम, कृषि कानून वापस करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपने कलेक्ट्रेट पहुंचे भाकियू पदाधिकारी, डीएम न मिलने पर धरने पर बैठे

मेरठ समेत वेस्‍ट यूपी में शनिवार को प्रदेश भर में चक्का जाम रद्द करने के निर्णय के बाद भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकार‍ी अपने-अपने जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट में पहुंचे। वह डीएम को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने गए थे।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 03:12 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 03:12 PM (IST)
किसानों ने नहीं किया चक्का जाम, कृषि कानून वापस करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपने कलेक्ट्रेट पहुंचे भाकियू पदाधिकारी, डीएम न मिलने पर धरने पर बैठे
कलक्ट्रेट परिसर में ही धरने पर बैठेे भाकि‍यू पदाधिकारी।

मेरठ, जेएनएन। शनिवार को प्रदेश भर में चक्का जाम रद्द करने के निर्णय के बाद भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी सुबह 11:00 बजे जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट में पहुंचे। वह डीएम को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने गए थे। लेकिन डीएम के न मिलने पर कलक्ट्रेट परिसर में ही धरने पर बैठ गए। मौके पर एसीएम चतुर्थ सौम्या और एसीएम तृतीय संदीप कुमार श्रीवास्तव भाकियू प्रतिनिधिमंडल के पास पहुंचे। लेकिन पदाधिकारियों ने ज्ञापन देने से उन्हें मना कर दिया। भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ईकडी ने कहा कि वह केवल डीएम को ही ज्ञापन सौंपेंगे। भाकियू प्रतिनिधिमंडल डीएम को ज्ञापन सौंपने की बात पर अडे हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के साथ भारतीय किसान आंदोलन भी पहुंचा है। जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ईकडी के नेतृत्व में राजकुमार करनावल, बबलू जटौली, धीर सिंह, सत्यवीर जंगेठी, सुनील जटौली, आनंद कुमार जौहरी, अनमोल चौधरी, बिट्टू जंगेठी और भारतीय किसान आंदोलन से कुलदीप त्यागी, विजय काजला, सुशील गौड, रविन्द्र ध्यानी, कपिल राज शर्मा, बबलू सैनी, अजय माहेश्वरी, मनोज गिरी व कपिल सिंघल आदि मौजूद रहे।

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बागपत में अलर्ट

बागपत में भाकियू के चक्का जाम नहीं करने की घोषणा के बाद भी शनिवार को पुलिस व प्रशासन अलर्ट रहा। पूरे जिले में कहीं भी चक्का जाम नहीं होने से पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। दोपहर को भाकियू के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर के नेतृत्व में किसान कलक्ट्रेट पहुंचे और धरने पर बैठ गए। बाद में किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम राजकमल यादव को सौंपा। ज्ञापन में तीनों कृषि कानून समाप्त करने, एमएसपी को कानून के दायरे में लाने, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की। साथ ही गन्ना मूल्य 450 रुपये प्रति कुंतल घोषित करने, गन्ने का बकाया भुगतान करने, खेती के लिए डीजल पर पाचं फीसदी सब्सिडी देने, निजी नलकूपों पर किसानों को बिजली फ्री देने, बेसहारा पशुओं की समस्या का निराकरण करने, किसानों के बच्चों को शिक्षा ऋण दिलाने व किसानों का कर्जा माफ करने आदि की मांग की। इस मौके पर राजेन्द्र सिंह, हिम्मत सिंह, यशपाल सिंह व संजीव चौधरी आदि किसान मौजूद रहे।

सहारनपुर में भी भाकियू ने सौंपा ज्ञापन 

सहारनपुर में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर जनपद में किसानों ने पूर्व निर्धारित आठ स्थानों पर एकत्र होकर पंचायत की और बाद में प्रधानमंत्री के नाम संबंधित ज्ञापन संबंधित एसडीएम को देते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। किसान आंदोलन के चलते सभी जगह सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहे। छुटमलपुर में आजाद समाज पार्टी ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। बड़गांव में भारतीय किसान संगठन ने धरना देकर ज्ञापन दिया।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय आह्वान पर प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के निर्देशन में नागल में पंचायत की गई। इस मौके पर चौधरी राजपाल सिंह व अमित मुखिया आदि मौजूद रहे। अंबेहटा में कान सिंह राणा, दिल्ली-यमनौत्री मार्ग पर रामपुर मनिहारान में पंचायत की जिम्मेदारी चौधरी जगपाल सिंह व शेरपाल राणा, हरिद्वार-पंचकुला हाईवे पर सरसावा के शाहजहांपुर में पंचायत की जिम्मेदारी चौधरी अशोक कुमार, देशपाल सिंह, भीम सिंह, सुरेश सैनी, मिर्जापुर में प्रधान आलिम, सचेन्दर राना, देहरादून-हाईवे पर मनोहरपुर में पंचायत की जिम्मेदारी खुद भाकियू के जिलाध्यक्ष चौधरी चरणसिंह, बबली कांबोज, अजय कांबोज व राजबीर सिंह कांबोज ने संभाली।


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