भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत बोले- पुलिस की कमजोरी के कारण किसान लाल किला पहुंचे
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है। नरेश टिकैत ने दिल्ली हिंसा की वजह पुलिस की कमजोरी बताई है। उन्होंने कहा कि पुलिस और सरकार की लचर व्यवस्था से किसान लाल किले पर पहुंचे।
बागपत, जेएनएन। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है। नरेश टिकैत ने दिल्ली हिंसा की वजह पुलिस की कमजोरी बताई है। उन्होंने कहा कि पुलिस और सरकार की लचर व्यवस्था से हिंसा हुई। पुलिस अगर सख्ती से पेश आती तो किसान लालकिला पहुंचकर झंडा नहीं फहराते। पुलिस ने सुरक्षा के ठोस तैयारी नहीं की हुई थी, जिस कारण से यह हादसा हुआ है। नरेश टिकैत ने आगे कहते हुए कहा कि हिंसा में मरे किसान और घायल किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।
मंगलवार को दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से किसान नेता अपना पल्ला झाडऩे लगे हैं। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत दिल्ली से लौटने के बाद बागपत पहुंचे। उन्होंने कहा कि मंगलवार को जो किसान मरा, उसे व इस हिंसा में दूसरे किसानों का जो नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिया जाए। दिल्ली पुलिस की कमजोरी के कारण किसान लाल किला पहुंच गए। जो हिंसा हुई, वो नहीं होनी चाहिए थी। कुछ लोग इस आंदोलन को तोडऩा चाहते हैं, किसानों का कोई दोष नहीं है। चौधरी टिकैत ने चेतावनी दी कि धरना स्थल से किसानों को भले उठा दें, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।
कुछ लोग तोड़ना चाहते हैं आंदोलन
भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसान गुटों में शामिल होकर कुछ लोग आंदोलन को तोड़ना चाहते हैं। वे आंदोलन को सफल नहीं होने देना चाहते। इसमें किसानों का कोई दोष नहीं है। किसान केवल शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहा है, जोकिन कुछ लोग हिंसा भडकाने का काम कर रहे हैं। ताकि किसान आंदोलन टूट जाए। उन्होंने कहा कि चाहे जो भी हो जाए, किसानों को चाहे कितना भी तोड़ने की कोशिश की जाए, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।
किसान आंदोलन में क्या हुआ
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर किसानों ने दिल्ली में परेड के दौरान ही हंगामा कर दिया। कई जगहों पर किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर नाले में फेंक दी। हंगामा बढ़ते देख पुलिस ने सुरक्षा के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन भींड कंट्राल नहीं हुई। इधर, एक किसान की मौत भी हो गई। किसानों की तरफ से पत्थरबाजी हुई। सौकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी घायल हो गए। साथ कई किसानों भी घायल हुए। पुलिस की सुरक्षा घेरा तोड़कर किसान लाल किला पर पहुंच गए और धार्मिक झंडा फहरा दिया।