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चुनावी महासमर में उतरी यह दिग्गज टोली, पश्चिम यूपी के लिए भाजपा की यह है तैयारी

UP Assembly Election 2022 भारतीय जनता पार्टी ने अपने दिग्गज राजनेताओं को मैदान में उतार दिया है। शाह नड्डा योगी व स्वतंत्र देव मथेंगे पश्चिमी उप्र को। सन 2017 में भाजपा को मिली थीं 71 में से 51 सीटें।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 10:25 PM (IST)
चुनावी महासमर में उतरी यह दिग्गज टोली, पश्चिम यूपी के लिए भाजपा की यह है तैयारी
शाह, नड्डा, योगी व स्वतंत्र देव मथेंगे पश्चिमी उप्र को।

मेरठ, संतोष शुक्ल। विधानसभा चुनाव में सफलता का झंडा फहराने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने दिग्गज राजनेताओं को मैदान में उतार दिया है। राजनीति के कुरुक्षेत्र में भाजपा ने चुनावी रथ की रफ्तार बढ़ा दी है। दिग्गज नेता पश्चिमी उप्र को मथने निकल पड़े हैं, यहां पहले चरण में चुनाव हो रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री एवं चुनाव प्रबंधन के सबसे बड़े शिल्पकार अमित शाह शनिवार को कैराना में पलायन पीडि़तों से मिलकर विपक्षी दलों पर राजनीतिक ब्रह्मास्त्र छोड़ेंगे, इसके बाद मेरठ में बुद्धिजीवी समाज के साथ बैठक कर चुनाव की धार को तेज करेंगे। दूसरी ओर शनिवार को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुलंदशहर में प्रबुद्ध जन से संवाद करेंगे। इनके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जहां बिजनौर में बिजनौर, नगीना और मुजफ्फरनगर के विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों के साथ बैठक करेंगे वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सहारनपुर में चुनावी जमीन को मजबूत करेंगे।

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नट-बोल्ट कसने की कवायद

पश्चिमी उप्र की राजनीतिक पगडंडी से सत्ता तक पहुंचने वाली भाजपा के सामने इस बार पिछले से बेहतर प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। भाजपा को सन 2017 में इधर की 71 में से 51 सीटों पर रिकार्ड जीत मिली थी, जिसके पीछे प्रचंड मोदी लहर और अखिलेश सरकार के प्रति नाराजगी का असर था। पांच साल बाद योगी सरकार के सामने अब रालोद-सपा गठबंधन की चुनौती है। ऐसे में भाजपा ने पश्चिमी उप्र में नट बोल्ट कसने शुरू कर दिए हैं। पार्टी ने 13 जाट, दस ठाकुर, सात गुर्जर, पांच-पांच ब्राह्मण एवं वैश्य चेहरों के साथ ही बड़ी संख्या में एससी-ओबीसी चेहरों को टिकट देकर जातीय संतुलन साधने का भी प्रयास किया है।

ताबड़तोड़ कार्यक्रम, कैराना भी

पिछले साल नवंबर में गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में कैराना का मुद्दा छेड़ा था। इसके कुछ दिनों बाद ही मुख्यमंत्री योगी ने कैराना में पलायन पीडि़तों से मिलकर भावनात्मक तार जोड़ा। वहीं रैली में आक्रामक तेवर दिखाते हुए योगी ने अपराधियों को जमींदोज करने की घोषणा की, साथ ही सपा को जमकर घेरा था। कांधला में पीएसी कैंप और देवबंद में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर की नींव रख जनता को निर्भय रहने का सीधा संदेश दिया। सीएम योगी के दौरे के बाद पश्चिमी उप्र में राजनीति नए करवट बैठती नजर आई। अब मतदान से कुछ ही दिन पहले शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह के कैराना दौरे को बहुत गंभीरता से देखा जा रहा है। शनिवार को ही सीएम योगी बुलंदशहर में वोटरों के बीच पहुंचकर पार्टी की चुनावी धार तेज करेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिजनौर में कमान संभालेंगे तो प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सहारनपुर में चुनाव पदाधिकारियों को रिचार्ज करेंगे।

सबको साधने का उपक्रम

कृषि कानूनों को लेकर उभरे किसान आंदोलन से पश्चिमी उप्र में भाजपा ने भी अपना गियर बदल दिया है। हरियाणा के जाट नेता एवं उच्च शिक्षित कैप्टन अभिमन्यु को पश्चिम का चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा गया है। कैबिनेट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह एवं क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल को भी किसानों के बीच लगाया गया है। इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान ने चोटिल हुए भाकियू नेता चौधरी नरेश टिकैत से मिलकर रिश्तों में गर्माहट लाई है। इधर, जाट बहुल सीटों सिवालखास एवं छपरौली में गठबंधन के प्रत्याशियों को लेकर रालोद में बवाल के बाद भाजपा को संजीवनी भी मिली है।


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