मेडिकल कैंपस में फैला कोरोना मरीजों का बायोवेस्ट, संक्रमण का खतरा
जरा सी चूक हुई भी कोरोना की लड़ाई में हमें पीछे कर देगी। कितु मेडिकल कालेज कैंपस में भयावह लापरवाही रोंगटे खड़ी कर देगी।
जेएनएन, मेरठ। जरा सी चूक हुई भी कोरोना की लड़ाई में हमें पीछे कर देगी। कितु मेडिकल कालेज कैंपस में भयावह लापरवाही रोंगटे खड़ी कर देगी। इमरजेंसी वार्ड के सामने मेडिकल कचरा फैला हुआ है, जबकि प्रशासनिक अधिकारी रोजाना कोविड वार्ड का निरीक्षण कर रहे हैं। मेडिकल कालेज प्रशासन ने भी कोई ध्यान नही दिया।
न्यूरोसाइकेट्री विभाग के सामने मैदान में बड़ी संख्या में पीपीई किट, ग्लब्स, रूई, काटन, इंजेक्शन, दवाएं, रैपर और कई प्रकार के केमिकल फेंके हुए मिले। दैनिक जागरण ने अपने कैमरे में इस ²श्य को कैद किया। पता चला कि मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों से उत्पन्न होने वाला मेडिकल कचरा भी कई बार यहां बिखेर दिया जाता है। जबकि मेडिकल कालेज प्रशासन का दावा है कि बायोमेडिकल वेस्ट एक एजेंसी के जरिए मानकों के मुताबिक डिस्पोजल किया जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो मेडिकल कचरा से कई प्रकार की संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं। अगर कोरोना संक्रमित मरीज की पीपीई किट या किट फेंकी गई है तो इससे 72 घंटों तक संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। मेडिकल कालेज के सीएमएस डा. धीरज राज ने बताया कि मेडिकल कालेज बायोवेस्ट के निस्तारण में पूरी सतर्कता बरतता है। कितु अगर कैंपस में कहीं भी कोई कचरा है तो इसे तत्काल निस्तारित कराया जाएगा।
एसएसआइ समेत तीन कोरोना संक्रमित
जेएनएन, मेरठ। नगर में शुक्रवार को एसएसआइ और इंस्पेक्टर व एक महिला समेत तीन कोरोना संक्रमित मिले। टेहरकी गांव में महिला के मिलने के बाद सैनिटाइज कराकर इलाके को सील करने की तैयारी चल रही है। थाने में तैनात एसएसआइ कोरोना पॉजिटिव मिले है। उनके दोस्त कुशावली गांव निवासी इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा में रहते है और वर्तमान में उनकी तैनाती मथुरा में है दोनों एक-दूसरे के संपर्क में आने से कोरोना पाजीटिव मिले है। थाने को सैनिटाइज कर फिर से सील करने की तैयारी की जा रही है। वहीं, टेहरकी गांव की महिला भी कोरोना संक्रमित मिली है। तीनों मरीजों को उपचार के लिए भेज दिया गया है।