Biodiesel Concept : पहले समोसा तलिए..फिर उसी तेल से दौड़ाइए कार, जानिए कैसे है संभव Meerut News
अब समोसा बनने के बाद कड़ाही में बचे हुए तेल से भी आपकी गाड़ी चल सकेगी। मेरठ से रोजाना 280 लीटर खाद्य तेल खरीदकर हरियाणा की बायो-डी एनर्जी कंपनी बायोडीजल बनाएगी।
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। कड़ाही में उबला समोसा खाने के बाद अगर इसी तेल से आपकी कार भी चले तो कैसा रहेगा? अब ऐसा ही होगा। मेरठ से रोजाना 280 लीटर खाद्य तेल खरीदकर हरियाणा की बायो-डी एनर्जी नामक कंपनी बायोडीजल बनाएगी। मेरठ के 60 व्यापारियों ने खाद्य सुरक्षा विभाग से पैक्ट किया है। शुक्रवार को मेरठ में बैठक कर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बरेली और मुरादाबाद मंडल समेत तीनों मंडलों की रिपोर्ट पेश की।
टीपीसी काउंट 25 तो तेल हुआ जहर
समोसा, कचौड़ी, पूड़ी, भटूरा या नमकीन फ्राई करने के लिए खाद्य तेलों को कई बार गर्म किया जाता है। इससे ट्रांसफैट बढ़ने के साथ ही तेल भी जहरीला हो जाता है। तीन बार से ज्यादा तेल गर्म करने पर टोटल पोलर कंपाउंड -टीपीसी 25 पार करने से एसिड लेवल बढ़ता है, जो कैंसरकारक है। मेरठ में बड़े पैमाने पर नमकीन बनाई जाती है। मैकडोनाल्ड, केएफसी जैसे ब्रांड भी तीन बार यूज हो चुका खाद्य तेल बायोडीजल के लिए बेचते हैं। हरियाणा के बावल स्थित प्लांट में रोजाना करीब सौ टन बायोडीजल बनाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग व्यापारियों को प्रति लीटर 15 रुपये का भुगतान करेगा।
यह भी जानें
केंद्र सरकार ने देश से 2022 तक ट्रांसफैट से मुक्ति की शपथ ली है।
2001 में 21.2 ग्राम तो 2019 में 80 ग्राम प्रतिदिन तक बढ़ा फैट का सेवन।
खाद्य सामग्री में ट्रांसफैट की मात्र 0.2 ग्राम प्रति 100 ग्राम से ज्यादा प्रतिबंधित होगी।
इस तेल से हर वर्ष 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है।
ट्रांसफैट के सेवन से दिल और शुगर की बीमारी का खतरा बढ़ता है।
मेरठ रोज बेचेगा 280 ली. जला खाद्य तेल, हरियाणा में बनेगा बायोडीजल।
तीन बार गर्म तेल में बढ़ता है एसिड लेवल, घातक बीमारियों का खतरा।
इनका कहना है
अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के निर्देश पर तीन मंडलों की मेरठ में बैठक हुई है, जिसमें तीन बार प्रयोग हो चुके खाद्य तेलों के प्रयोग से कैंसर का रिस्क बताया गया। मेरठ के 60 व्यापारी खाद्य तेलों को हरियाणा में बायोडीजल बनाने वाली कंपनी को बेचेंगे।
- अर्चना धीरान, अभिहीत अधिकारी