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Bike Boat Scam: तीन दिन की रिमांड के बाद EOW की बड़ी कार्रवाई, रवींद्र की फैक्ट्री से बरामद किए जगुआर और आफिस से पैन-ड्राइव

लगभग 4200 करोड़ के बाइक बोट घोटाले (Bike Boat Scam) में जीआइपीएल कंपनी के निदेशक एवं रिटायर फौजी को तीन दिन के रिमांड पर लेकर EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने जगुआर कार और पैन-ड्राइव उसकी फैक्ट्री व आफिस से बरामद की है।

By Himanshu DiwediEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 10:42 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 10:42 PM (IST)
Bike Boat Scam: तीन दिन की रिमांड के बाद EOW की बड़ी कार्रवाई, रवींद्र की फैक्ट्री से बरामद किए जगुआर और आफिस से पैन-ड्राइव
बाइक बोट स्‍कैम में पेन ड्राइव और जगुआर कार बरामद हुई है।

मेरठ, जेएनएन। लगभग 4200 करोड़ के बाइक बोट घोटाले (Bike Boat Scam) में जीआइपीएल कंपनी के निदेशक एवं रिटायर फौजी को तीन दिन के रिमांड पर लेकर EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने जगुआर कार और पैन-ड्राइव उसकी फैक्ट्री व आफिस से बरामद की है। पैन ड्राइव में कंपनी के निदेशक संजय भाटी और बिजेंद्र हुड्डा से हुई डील के बारे में जानकारी है। पैन-ड्राइव के जरिए मेरठ के कई बड़े लोगों पर भी ईओडब्ल्यू कार्रवाई कर सकती है। साथ ही मेरठ में गुम हुई मर्सडीज कार के बारे में भी कुछ जानकारी मिली है।

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एक सप्ताह पहले एसटीएफ ने लुधियाना (पंजाब) के सदर थाना क्षेत्र की पॉश कालोनी निवासी रवींद्र कुमार पुत्र महेंद्र और उनकी पत्नी रेखा राय को पकड़ कर ईओडब्ल्यू को सौंपा था। मुकदमा दर्ज होने के बाद दंपती जालंधर (पंजाब) स्थित धारीवाल एन्कलेव छोड़ कर लुधियाना में रह रहे थे। दोनों ही जीआइपीएल कंपनी में निदेशक थे और 50-50 हजार का इनाम घोषित था। रवींद्र्र सेना से रिटायर फौजी हैं, जो मेरठ में भी रह चुका है। रवींद्र ने रिटायर होने के बाद पंजाब में बाइक बोट का पूरा नेटवर्क खड़ा किया था। दंपती ने करीब 50 हजार करोड़ का फ्राड किया है। ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर रीतू राणा ने बताया कि रवींद्र को कोर्ट के आदेश पर तीन दिन के रिमांड पर लिया था। जालंधर में उसकी फैक्ट्री व आफिस से जगुआर कार व पैन-ड्राइव बरामद की है। कार बाइक बोट की रकम से खरीदी गई थी। पैन-ड्राइव में रवींद्र उनकी पत्नी रेखा के अलावा संजय भाटी, बिजेंद्र हुड्डा और करनपाल के खिलाफ काफी साक्ष्य है। उसमें लेन-देने की भी काफी जानकारी मिली है। साथ ही रवींद्र का मेरठ में किस-किस से जुड़ाव था। फोरेंसिक टीम की मदद से ईओडब्ल्यू सभी साक्ष्य जुटा रही है। ताकि उन्हें कोर्ट में पेश कर मुकदमे को मजबूत बनाया जा सके।

करनपाल और रवींद्र का लेनदेन बता रही पैन-ड्राइव : पैन ड्राइव में मिले दस्तावेज से सामने आ रहा है कि रवींद्र और करनपाल को कितनी रकम दी गई। उन्होंने कितना बिजनेस कंपनी को दिया था। कितनी कंपनियों में रवींद्र और करनपाल के शेयर है। साथ ही संजय भाटी और बिजेंद्र हुड़्डा के बारे में भी कुछ जानकारी मिली है, जिन्हें फिलहाल गोपनीय रखा जाएगा। एएसपी रामसुरेश यादव ने बताया कि पैन-ड्राइव के आधार पर अन्य लोगों को भी मुल्जिम बनाया जाएगा। 


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