बिजनौर : सीमा विवाद में फंसे कई जिलों के हजारों किसान, बीस साल में तीन से चार किलोमीटर बदली गंगा की धारा
खादर में हजारों किसान प्रतिदिन गंगा के पश्चिमी छोर पर स्थित अपने खेतों में फसल की बुवाई भी करते हैं लेकिन कटान के दौरान बिजनौर जिले के किसानों की जानसठ मवाना तहसील के ग्राम परगना हस्तिनापुर और हरिद्वार के लक्सर के गांवों के किसानों से अक्सर झड़प भी होती है।
बिजनौर, जागरण संवाददाता। बीस साल से गंगा खादर क्षेत्र के हजारों किसान सीमा विवाद में फंसे हुए हैं। गेहूं की फसल की कटाई के दौरान इस क्षेत्र में किसानों में झड़प होना आम बात है। कई बार इस समस्या के समाधान को बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर और हरिद्वार के अफसरों के बीच बैठक हो चुकी हैं, किंतु कोई नतीजा नहीं निकला।
यह है मामला
गंगा नदी की धारा हरिद्वार की लक्सर (उत्तराखंड), मुजफ्फरनगर की जानसठ, मेरठ की मवाना और बिजनौर जिले की सदर, चांदपुर और नजीबाबाद तहसील क्षेत्र में स्थित खादर क्षेत्र में बसे सैकड़ों गांवों की सीमा का निर्धारण करती है। ग्रामीणों की मानें तो करीब बीस साल से गंगा की धारा में तीन से चार किलोमीटर का बदलाव हुआ है। सदर तहसील के ग्राम रावली, राजारामपुर, डैबलगढ़, रघुनाथपुर, सीमला, सीमली, फतेहपुर सभाचंद, नजीबाबाद तहसील क्षेत्र के नांंगलसोती खादर और चांदपुर क्षेत्र के जलीलपुर खादर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के हजारों किसानों की कृषि भूमि गंगा के पश्चिमी छोर पर गंगा द्वारा खाली की भूमि में पहुंच गई।
किसानों के बीच होती रहती है झड़प
इन गांवों के हजारों किसान प्रतिदिन गंगा के पश्चिमी छोर पर स्थित अपने खेतों में फसल की बुवाई भी करते हैं, ङ्क्षकतु कटान के दौरान बिजनौर जिले के किसानों की जानसठ, मवाना तहसील के ग्राम परगना हस्तिनापुर और हरिद्वार की लक्सर क्षेत्र के गांवों के किसानों से अक्सर झड़प भी होती है। सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक दौर में बिजनौर जनपद की तीनों तहसीलों समेत संबंधित तहसीलों के राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठकें भी हो चुकी हैं, लेकिन इस समस्या का कोई स्थाई हल नहीं निकल पाया।
एक सप्ताह पहले हुआ था विवाद
विवाद का हल नहीं निकलने से एक सप्ताह पहले नांगलसोती खादर क्षेत्र के ग्रामीणों का फसल बुवाई के मुद्दे को लेकर लक्सर खादर क्षेत्र के ग्रामीणों की बीच हुई झड़प में कई किसान घायल हो गए थे। इस मुद्दे को लेकर एसडीएम नजीबाबाद और लक्सर अपनी-अपनी टीमों के साथ खादर में डेरा डाले हुए है, ङ्क्षकतु अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
इनका कहना है
सीमा निर्धारण का मामला शासन स्तर पर लंबित है। फिर भी संबंधित जिलों की सीमा पर बसे किसानों से वार्ता कर इस समस्या के समाधान कराने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
-उमेश मिश्रा, डीएम।