छोटी फिल्मों के माध्यम से समाज को दिया बड़ा संदेश
पहली बार चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में लघु फिल्म महोत्सव को लेकर प्रतिभागियों और दर्शकों दोनों में उत्साह दिखा।
मेरठ । पहली बार चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में लघु फिल्म महोत्सव को लेकर प्रतिभागियों और दर्शकों दोनों में उत्साह दिखा। रविवार को विवि के बृहस्पति भवन में पांच मिनट से लेकर 15 मिनट की कुल 21 फिल्में दिखाई गई। युवाओं ने अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज को एक संदेश देने की कोशिश की। दस मिनट की फिल्म में 'कच्चा घड़ा' को प्रथम पुरस्कार मिला।
विवि के पत्रकारिता विभाग और मेरठ चलचित्र सोसाइटी की ओर से आयोजित नवांकुर लघु फिल्म फेस्टिवल में 15 मिनट की श्रेणी में 10 फिल्में और पांच मिनट की श्रेणी में 11 फिल्में दिखाई गई। सभी फिल्मों से युवाओं ने समाज को एक संदेश देने की कोशिश की। मेरठ के अलावा, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नोएडा के प्रतिभागियों ने भी इस महोत्सव में हिस्सा लिया। अध्यक्षता करते हुए विवि के कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने युवाओं के रचनात्मक कौशल को सराहा। आयोजकों को बधाई दी। प्रो. अरुण कुमार भगत ने कहा कि फिल्मों का आधार सत्यम शिवम सुंदरम होना चाहिए। संचालन अक्षिता त्यागी, देवव्रत सिंह, दीक्षा राणा ने किया। परिचय डा. मनोज श्रीवास्तव और धन्यवाद डा. प्रशांत कुमार ने दिया। निर्णायक मंडल फिल्म सेंसर बोर्ड की पूर्व सदस्य नीता गुप्ता, अम्बरीश पाठक, डा. प्रदीप पंवार रहे। मेरठ चलचित्र समिति के अध्यक्ष अजय मित्तल, देशदीपक, सुरेंद्र, चीफ प्राक्टर प्रो. वीरपाल, प्रो. बीर सिंह, प्रो. एके चौबे, प्रो. जगबीर भारद्वाज, प्रो. एसएस गौरव, प्रो सुधीर शर्मा, प्रो. सत्यप्रकाश गर्ग, शरद, डा. जीएस रुहेल, डा. ओमपाल सिंह, डा. त्रिलोचन शर्मा, डा. नरेंद्र पांडे, दीपिका वर्मा, संजय शर्मा, विवेक त्यागी, योगेंद्र शर्मा आदि अन्य शिक्षक छात्र उपस्थित रहे।
ये फिल्में विजेता
पहली श्रेणी में -
फेस्टिवल में 15 मिनट की श्रेणी में सैय्यद अहमद शाह के निर्देशन में बनी 'कच्चा घड़ा' फिल्म को प्रथम पुरस्कार के तौर पर 5100 रुपये दिया गया।
दूसरे स्थान पर चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के आदित्य देव त्यागी की निर्देशित फिल्म 'पोलियो से मुक्ति' रही, जिसे 3100 रुपये मिला। तीसरे स्थान पर आइआइएमटी के रितिक और मयंक की फिल्म 'स्टाप एसिड अटैक' रही। जिसे 2100 रुपये दिया गया।
दूसरी श्रेणी में-
पांच मिनट की श्रेणी की फिल्मों में प्रथम स्थान पर 'व्हाट शुड आइ ड'ू रही। जिसे श्रीराम कॉलेज मुजफ्फरनगर की छात्राओं अपर्णा त्यागी और शिवानी ने बनाया था। दूसरा स्थान पवित्र कुमार बिजनौर की फिल्म 'गंगा' नामक फिल्म को मिला। तीसरे स्थान पर सीसीएसयू पत्रकारिता विभाग के छात्र उत्कर्ष चौधरी की बनीं फिल्म 'मतदान जागरूकता' रही। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता को क्रमश: 5100 रुपये, 3100 रुपये और 2100 रुपये दिया गया। सभी को प्रमाणपत्र भी दिए गए।
सामाजिक समस्याओं पर प्रहार
फेस्टिवल में प्रथम स्थान पर रही फिल्म कच्चा घड़ा में छोटी आयु में बालिका का विवाह करने पर होने वाले नुकसान को बखूबी दिखाया गया। व्हाट शुड आइ डू फिल्म में एक नवजात बच्चे को लेकर उसके परिवार के हर सदस्य की अपेक्षाओं को बखूबी प्रदर्शित किया गया। गंगा फिल्म में नदी के प्रदूषण को दिखाया गया। मतदान जागरूकता फिल्म में मतदान के लिए प्रेरित किया गया। स्टाप एसिड अटैक फिल्म में एक लड़की के दर्द का चित्रण किया गया। 15 मिनट की श्रेणी में रिश्ता अहसास का, अन्नदाता, धर्म, मैं भगत सिंह हूं, ओल्ड एज होम, स्पेशल स्कूल फर चिल्ड्रेन, वैल्यू रिलेशन आदि फिल्में दिखाई गई। पांच मिनट की फिल्मों में बदलता भारत, अवसाद, आजादी के सत्तर साल, कूड़ेदान, पोटेंशियल, स्वच्छता आदि फिल्में दिखाई गई।