पंचतत्व में विलीन हुए शिक्षकों के भीष्म पितामह ओमप्रकाश
पूर्व एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा का पार्थिव शरीर रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। करीब पांच दशक तक शिक्षक राजनीति में सक्रिय शिक्षकों के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शर्मा को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
मेरठ, जेएनएन। पूर्व एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा का पार्थिव शरीर रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। करीब पांच दशक तक शिक्षक राजनीति में सक्रिय शिक्षकों के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शर्मा को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। मेरठ के सूरजकुंड में उनके अंतिम संस्कार में शिक्षक, राजनीति, सामाजिक क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों का जमावड़ा रहा। जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक ओपी शर्मा का नाम रहेगा। ओपी शर्मा अमर रहे के नारे के साथ शास्त्रीनगर आवास से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।
1970 से 2020 तक लगातार आठ बार शिक्षक सीट से एमएलसी रहे ओपी शर्मा का शनिवार रात को निधन हो गया था। अंतिम सांस तक शिक्षकों के हक के लिए ओपी शर्मा हुंकार भरते रहे। अपनी मौत के दिन भी वह जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर हुए धरने में आवाज बुलंद करते दिखे। शनिवार को रात साढ़े आठ बजे उनका निधन हुआ। उनके निधन की सूचना से शिक्षक जगत में शोक की लहर फैल गई थी। रात से ही उनके शास्त्रीनगर आवास पर काफी भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। पूरे उत्तर प्रदेश के शिक्षक नेता रविवार को उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे। दोपहर डेढ़ बजे तक आवास पर अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को फूलों से सजे ट्रक में रखा गया। रास्ते भर उनके समर्थक और शिक्षक ओपी शर्मा अमर रहे के नारे के साथ चलते रहे। उनके पार्थिव शरीर पर फूल भी बरसाते रहे। करीब तीन बजे उनके बड़े बेटे अमित प्रकाश ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। इस दौरान एमएलसी गोरखपुर- आजमगढ़ से शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी, प्रयागराज- झांसी से शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी, वाराणसी से पूर्व शिक्षक विधायक प्रमोद कुमार मिश्रा, प्रादेशिक मंत्री इंद्रासन, लखनऊ से रामेश्वर उपाध्याय, प्रादेशीय मंत्री आरपी मिश्रा, कानपुर से हेमराज सिंह, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़ के शिक्षक नेता, पूर्व एमएलसी हेम सिंह पुंडीर, दक्षिण के विधायक सोमेंद्र तोमर, पूर्व एमएलसी जगत सिंह सहित काफी संख्या में शिक्षक, समाज के अन्य हिस्सों से जुड़े लोग शामिल रहे।