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31 नवंबर तक घोषणा पत्र नहीं भरने वाले किसानों का सट्टा होगा बंद, मेरठ में गन्‍ना समिति कर रही जागरूक

sugarcane news मेरठ के मवाना में ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक सौवीर सिंह ने बताया कि घोषण पत्र भरने वंचित रहे किसानों से घोषणा पत्र भरवाने के लिए टीम गांव-गांव जाकर मुनादी व अन्य माध्यमों से घोषणा पत्र भरने के लिए आह्वान कर रही है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 02:38 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 02:38 PM (IST)
मेरठ में जल्‍द ही किसानों का सट्टटा बंद कर दिया जाएगा।

मेरठ, जागरण संवाददाता। sugarcane news गन्ना समिति स्तर पर गांवों में मुनादी व अन्य माध्यम से जागरुक कर किसानों से घोषणा पत्र भरवाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। 31 नवंबर तक घोषणा पत्र नहीं भरने वाले किसानों का सट्टटा बंद कर दिया जाएगा। गन्ना समिति व मवाना चीनी मिल की संयुक्त टीम द्वारा समिति क्षेत्र के 202 गांवों में पेराई सत्र आरंभ होने से पूर्व गन्ना सर्वेक्षण कार्य किया गया था और किसानों से आनलाइन घोषणा पत्र भरवाने का कार्य कराया जा रहा था।

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किसानों को किया जा रहा जागरूक

किसानों से आह्वान किया गया था कि वे अपने घोषणा पत्र अवश्य भरे। समिति क्षेत्र के 57 हजार किसानों में 19 हजार किसान अभी भी घोषणा पत्र नही भरपाए है। ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक सौवीर सिंह ने बताया कि घोषण पत्र भरने वंचित रहे किसानों से घोषणा पत्र भरवाने के लिए टीम गांव-गांव जाकर मुनादी व अन्य माध्यमों से घोषणा पत्र भरने के लिए आह्वान कर रही है। यदि शेष किसान अपने घोषणा पत्र 31 नवंबर तक नहीं भरते हैं तो उनका सट्टा बंद कर दिया जाएगा और उन्हें गन्ना बढ़ोत्तरी और अन्य लाभ नही मिलेगा।

परतापुर इंटरचेंज के पास हटा अतिक्रमण, बाउंड्री कर होगा पौधारोपण

मेरठ : दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के अंतर्गत परतापुर में इंटरचेंज बनाया गया है। यहां देहरादून बाइपास की तरफ़ लोगों ने एक्सप्रेस वे की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया। दुकानें खुलती चली गईं। शनिवार को अतिक्रमण हटा दिया गया। यहां पर अब बाउंड्री करके पौधरोपण किया जाएगा। अतिक्रमण हटाने के लिए एसडीएम के नेतृत्व में पुलिस व पीएसी मौजूद रही। एनएचएआइ के अफसरों की मौजूदगी में चिन्हीकरण हुआ।

परतापुर जंक्शन से बिगबाईट तक एक्सप्रेस वे के पास है जमीन

परतापुर इंटरचेंज से बिग बाईट तक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे की जमीन दोनों किनारे है। इसके बाद की जमीन एनएच 58 की है। अतिक्रमण की वजह से अंडरपास के सामने गाड़ियां खड़ी हो रही थीं। जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ रही थी।


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