आंखों में बस गए आभूषणों के खूबसूरत डिजाइन
परतापुर बाईपास स्थित बिग बाइट रिसोर्ट में तीन दिवसीय मेरठ ज्वेलरी शो के अंतिम दिन
मेरठ, जेएनएन। परतापुर बाईपास स्थित बिग बाइट रिसोर्ट में तीन दिवसीय मेरठ ज्वेलरी शो के अंतिम दिन शनिवार को आभूषणों के डिजाइन और कीमत ने सभी का ध्यान खींचा। हीरे, सोने, व्हाइट गोल्ड, रोज गोल्ड और चांदी के आभूषणों के ऐसे-ऐसे डिजाइन दिखे कि लोग देखते ही रह गए। गहनों में पिरोई जाने वाले खूबसूरत मोती और नगों की डोरियां और पैकिंग बाक्स भी आकर्षित करते रहे।
दो ग्राम में बनाई गई कान की कटिंग वाली बालियों से लेकर कुंदन पोल्की के हेवी सेट प्रदर्शनी में चार चांद लगा रहे थे। डायमंड की घड़ी, ब्रेसलेट, कंगन, चोकर के अलावा चांदी की मोटर साइकिल, हवाई जहाज, जूती, चप्पल और फव्वारे से निकलता पानी ऐसा जान पड़ता था, मानो पानी पानी नहीं सोना बरस रहा हो। आभूषण कारोबारियों का कहना है कि हर तरह के पारंपरिक और डिजाइनर सेट अब मेरठ में ही तैयार किए जा रहे हैं। इससे हमारी अलग पहचान बनी है। ऐसा कोई डिजाइन नहीं जिसे हम तैयार न कर सकें। प्रदर्शनी में मेरठ के विक्रेताओं ने 46 स्टाल लगाकर आभूषणों का प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनी के अंतिम दिन शनिवार को सासद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल और संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने शुभारंभ किया। प्रदर्शनी में मेरठ के डैजलिंग डायमंड, अरिहंत ज्वेलर्स, एवी ज्वेल पैलेस, बग्गा ज्वेलर्स, बाबूराम ज्वेलर्स, बीआर ज्वेलर्स, जयंती प्रसाद ज्वेलर्स, मीनाक्षी ज्वेलर्स, जेएमकेसी ज्वेलर्स, मा ब्रिजेश्वरी ज्वेलर्स, मायाराम ज्वेलर्स, एमजे ज्वेलर्स, न्यू राधे लाल रामअवतार ज्वेलर्स, स्वर्ण गंगा, विमल जी, बालसन ज्वेलर्स, जोधामल कैलाश चंद जैन ज्वेलर्स और आरएमपी ज्वेलर्स के अलावा चांदी, डोरी और पैकिंग बाक्स के विक्रेताओं ने अपनी स्टाल लगाई। लोगों ने प्रदर्शनी में खरीदारी के साथ ही कई आभूषणों की बुकिंग भी करवाई।
चांदी का उड़ने वाला जहाज
प्रदर्शनी में वैसे तो चांदी के एक से बढ़कर एक आभूषण और सजावटी समान मौजूद थे, लेकिन बच्चों के मन को भाया उड़ने वाला जहाज और चांदी की साइकिल। इस पर की गई मीनाकारी इन्हें और भी खूबसूरत बना रही थी। इसके अलावा चांदी के अन्य कई खिलौनों ने भी बच्चों को खूब लुभाया।
किसी भी घड़ी में लगवाएं हीरे
हीरे के आभूषण के साथ ही घड़ी, पेन और हीरा जड़ित चश्मा पहनना कई लोगों का शौक होता है। अटायर डायमंड के प्रियांक अग्रवाल ने बताया कि यह शौक पूरा करने के लिए अपनी किसी भी पुरानी घड़ी, पेन और चश्मे में हीरा लगवाया जा सकता है। इस समय यह नया चलन है। लोग अपनी मनपसंद घड़ी में हीरे लगवा रहे हैं। इसके अलावा अब डायमंड में भी हल्की और आकर्षक ज्वेलरी बाजार में उपलब्ध है। इनकी कीमत हजारों में है, लेकिन देखने में यह लाखों से कम नहीं है।
मेरठ की सराफा की दुनिया में है पहचान
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मेरठ सराफा की दुनिया में अपनी अलग पहचान है, अब और अधिक संभावनाएं बढ़ने जा रही हैं। एक्सप्रेस वे के कारण मेरठ की कनेक्टिविटी बढ़ी है। इसके साथ ही जल्द शुरू होने वाली हवाई उड़ान से भी सराफा को पंख लगेंगे। इस तरह की प्रदर्शनी का आयोजन प्रतिवर्ष होना चाहिए। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा।