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काढ़ा व योग से कोरोना को हराया

कोरोना को हराने के लिए उसके डर को हराना बेहद जरूरी है। नियमित व संतुलित खानपान के साथ योग और काढ़े का सेवन किया जाए तो सबसे लाभप्रद है। यह जानकारी हमसे साझा की सपरिवार कोरोना को हराकर लौटे कोरोना विजेता विष्णु कुमार ने।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 08:00 AM (IST)
काढ़ा व योग से कोरोना को हराया
काढ़ा व योग से कोरोना को हराया

जेएनएन, मेरठ। कोरोना को हराने के लिए उसके डर को हराना बेहद जरूरी है। नियमित व संतुलित खानपान के साथ योग और काढ़े का सेवन किया जाए तो सबसे लाभप्रद है। यह जानकारी हमसे साझा की सपरिवार कोरोना को हराकर लौटे कोरोना विजेता विष्णु कुमार ने। इस परिवार ने दस दिनों में ही कोरोना को मात दी है।

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दिल्ली रोड स्थित देवलोक कॉलोनी निवासी विष्णु कुमार बताते हैं पांच जून को उनको बुखार आया था। मवाना के सरकारी अस्पताल पर कोरोना की जांच कराई। 13 जून को उनकी व पत्नी, बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उन्हें सुभारती के कोविड अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। उन्हें व उनके परिवार को कमरे में रखा गया। जहां सभी लोग शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नियमित दिन में दो बार दस मिनट के लिए अनुलोम-विलोम व प्राणायाम करते रहे। आयुष मंत्रालय द्वारा बताए काढ़े व अस्पताल की ओर से दिए गए काढ़े को दिन में तीन बार पीया। पांच-पांच मिनट के लिए दिन में दो बार स्टीम (भाप) लेते रहे। मन को एकाग्र और मनोरंजन के लिए मोबाइल पर ही पूरे परिवार ने सत्संग व भजनों का श्रवण किया। स्वस्थ श्वसन प्रक्रिया का पालन किया और गुनगुने पानी में हल्दी व नमक डालकर गरारे किए। इन सभी के प्रयोगों के बल पर उनका परिवार इतने कम समय में कोरोना को हराकर घर लौट आया। उन्होंने अंत में बस इतना कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि लड़ना बीमारी से है बीमार से नहीं।

पुस्तक में बताया औषधीय पौधों का महत्व

मेरठ : आरजी पीजी कालेज के वनस्पति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डा. मीनू गुप्ता ने औषधीय पौधों के महत्व को रेखांकित करते हुए माडर्न किचन गार्डन ई-बुक लिखी है। इसे इंटरनेशनल सांइस कांग्रेस ने प्रकाशित किया है। नवग्रह वाटिका, राशि वाटिका सहित जंगलीय औषधीय पौधों की सचित्र जानकारी दी गई है। डा. मीनू गुप्ता का कहना है कि जानकारी और पहचान नहीं होने से हम अपने आसपास के पौधों का लाभ नहीं उठा पाते। भृंगराज, कालाबासा, वज्रदंती, अश्वगंधा, मरूआ, सहजन, जंगली मेथी, लटजीरा, हारश्रृंगार, शंखपुष्पी और मकोय ऐसे ही पौधे हैं।


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