आटे में भी छुपे है सेहत के राज, सर्दियों में शरीर को गरम रखता है यह तीन तरह का आटा
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है बाजरे का आटा फाइबर और पोटेशियम से भरपूर बाजरा एक ऐसा आटा है जिसका सेवन खासतौर पर सर्दियों में ही किया जाता है। बाजरे में ओमेगा-3 और आयरन की भरपूर मात्रा है। इन दिनों न सिर्फ इस आटे की रोटियां बनाई जा सकती है।
मेरठ, जेएनएन। मौसम कोई भी हो हम सभी गेंहू के आटे का प्रयोग करते हैं। लेकिन सर्दियों में बाजरा, मक्का और ज्वार के आटे की रोटी खाने से न सिर्फ शरीर अंदर से गरम रहता है। बल्कि पोषक तत्वों की वजह से इन्हें खाने से ताकत भी मिलती है। सर्दी में मौसमी बीमारियों से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। लेकिन खानपान में कुछ बदलाव कर लिए जाए तो कड़कड़ाती ठंड में भी सेहतमंद रहा जा सकता है। खानपान विशेषज्ञ मानते है कि सर्दी में गेंहू के आटे के अलावा अपनी डाइट में बाजरे, ज्वार, मक्का, रागी के आटे का भरपूर सेवन करना चाहिए।
काफी देर तक भूख नहीं लगती
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है बाजरे का आटा फाइबर और पोटेशियम से भरपूर बाजरा एक ऐसा आटा है, जिसका सेवन खासतौर पर सर्दियों में ही किया जाता है। बाजरे में ओमेगा-3 और आयरन की भरपूर मात्रा है। इन दिनों न सिर्फ इस आटे की रोटियां बनाई जा सकती है। बल्कि उत्तपम, दलिया और खिचड़ी भी बनाकर खाई जा सकती है। इससे पाचन क्रिया तो दुरुस्त रखता है। साथ ही बाजरा खाने से शरीर में भरपूर एनर्जी भी बनी रहती है। यह वजन घटाने के लिए लाभदायक है, क्योंकि बाजरा खाने से काफी देर तक भूख नहीं लगती है।
पाचन क्रिया को सुधारता है ज्वार का आटा
ज्वार एक लस मुक्त आटा है। जो पाचन को सुधारता है। इसके सेवन से शरीर में शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है। दिल के मरीजों के लिए ज्वार का आटा फायदेमंद है। बाजरे की तरह ज्वार भी शरीर की थकान दूर कर शक्ति प्रदान करता है। इसके सेवन से जलन, मोटापा, गैस, बवासीर जैसी शिकायतें नहीं होती है। ज्वार की रोटी के अलावा इसका उपमा, डोसा भी बनाया जा सकता है।
वजन घटाने के लिए बेहतर है रागी का आटा
सर्दियों में रागी के आटे की रोटी काफी फायदेमंद है। इस आटे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम है। साथ ही यह जल्दी डाइजेस्ट भी हो जाता है। इसका प्रयोग अन्य आटे में मिलाकर भी किया जा सकता है। फाइबर युक्त रागी के व्यंजन एनीमिया के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद है।