बागपत हरियाणा सीमा विवाद : खून-खराबा रोकने को यूपी व हरियाणा के अफसरों में मंथन, अब बनाई यह योजना
Bagpat Khadar Border Dispute किसानों को झगड़ा न करने की हिदायत कायम रखें यथास्थिति। टांडा और खोजकीपुर के किसानों ने अपनी समस्याएं रखीं। दोनों राज्य के किसानों को झगड़ा न करने और यथास्थिति कायम रखने की हिदायत दी गई।
बागपत, जेएनएन। यमुना खादर में खून-खराबा रोकने के लिए यूपी और हरियाणा के अफसरों ने घंटों मंथन किया। दोनों राज्य के किसानों को झगड़ा न करने और यथास्थिति कायम रखने की हिदायत दी गई।
खादर की भूमि को लेकर यूपी व हरियाणा के किसानों में संघर्ष होता रहता है। गत पांच मई को बागपत के टांडा गांव के किसानों पर पानीपत के खोजकीपुर के किसानों ने जानलेवा हमला किया था। छह किसान घायल हुए थे। छपरौली पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस घटना के बाद दोनों गांव के किसानों में तनाव है। इसी मसले को लेकर मंगलवार को पानीपत क्षेत्र के ग्राम सनौली में संयुक्त बैठक हुई।
बड़ौत एसडीएम दुर्गेश मिश्र, बागपत सीओ अनुज मिश्र, बड़ौत तहसीलदार प्रदीप कुमार, छपरौली थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा, टांडा चौकी प्रभारी सहंसरपाल ङ्क्षसह तथा पानीपत के समालखा एसडीएम विजेंद्र हुड्डा, सीओ प्रदीप नैन, बापोली थाना प्रभारी हरनारायण ङ्क्षसह मौजूद रहे। टांडा और खोजकीपुर के किसानों ने अपनी-अपनी समस्या रखीं। करीब तीन घंटे चली बैठक में अधिकारियों ने किसानों को झगड़ा न करने की हिदायत दी। बैठक में प्रधान नवाजिश, शकील आदि मौजूद रहे।
एसडीएम दुर्गेश मिश्र ने बताया कि खादर की भूमि की पैमाइश सर्वे आफ इंडिया कर रहा है। किसानों से कहा गया है कि कोई समस्या है तो संबंधित पुलिस-प्रशासन से शिकायत करें, ताकि उसका निस्तारण किया जा सके।
छपरौली थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि दोनों गांव के किसानों को अवगत करा दिया है कि खादर की भूमि को लेकर कोई निर्णय होने तक यथास्थिति कायम रखें। झगड़ा करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। इस समस्या को लेकर जल्द ही दोबारा खादर क्षेत्र में बैठक होगी।