बागपत जिला पंचायत अध्यक्ष : सियासत की पटरी पर दौड़ी रालोद, जीत के साथ विस चुनाव का बिगुल बजाया
बागपत जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतकर रालोद को मानो संजीवनी मिल गई हो। आगामी विस चुनाव को लेकर यह रालोद का शंखनाद ही है। चुनाव में गड़बड़ी रोकने को गांव-गांव से रालोद के समर्थन में आए ग्रामीणों को देख पदाधिकारी गदगद हैं।
बागपत, जागरण संवाददाता। बागपत में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतकर रालोद की सियासत की पटरी पर दौड़ पड़ी है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रालोद ने बिगुल बजा दिया है। चुनाव में गड़बड़ी रोकने के लिए गांव-गांव से रालोद के समर्थन में आए ग्रामीणों को देख पदाधिकारियों की बांछे खिल गई। वहीं रालोद की जीत से राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी का भी कद बढ़ा हैं।
तब भाजपा हुई थी मजबूत
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि बागपत रालोद का गढ़ है। यहां पर रालोद के नेताओं का दबदबा रहा, लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 में रालोद के सुप्रीमो स्वर्गीय अजित सिंह और लोकसभा चुनाव 2019 में जयंत चौधरी की हार ने भाजपा को मजबूत कर दिया। वर्ष 2017 के चुनाव में भी रालोद को छपरौली पर जीत मिली, लेकिन बागपत व बड़ौत भाजपा के खाते में चली गई। इससे रालोद को हाशिये पर ला दिया। इससे पश्चिम उत्तर प्रदेश में रालोद का दबदबा कम होने लगा।
रालोद की एकजुटता दिखी
वहीं अजित सिंह के निधन के बाद रालोद की कमान जयंत चौधरी के पास आई, तो पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगीं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जयंत चौधरी ने रूचि दिखाई। इसी के चलते जिले के रालोद नेता एकजुट हो गए। रालोद की एकजुटता के आगे भाजपा की प्रत्याशी टिक नहीं पाई। रालोद समर्थित जिला पंचायत सदस्यों व प्रत्याशी पर प्रशासनिक दवाब भी काम नहीं आया। रालोद ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज कर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ा दिया है। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर जीत होने से जयंत चौधरी का कद भी बढ़ा हैं। प्रदेश प्रवक्ता सुनील रोहटा कहते हैं कि इस जीत ने आगामी विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा दिया है। रालोद दमखम के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी।