Baba Harkishin Malik Death: पिता चौधरी बलदेव के नक्शेकदम पर बाबा हरकिशिन मलिक ने संभाली थी चौधराहट
बाबा हरिकिशन सिंह मलिक अपने पिता बलदेव सिंह के निधन क बाद 1985 में गठवाला खाप के चौधरी बने थे। पिता बलदेव सिंह के नक्शेकदम पर उन्होंने पंचायतों के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन किया।
शामली, जेएनएन। बाबा हरिकिशन सिंह मलिक अपने पिता बलदेव सिंह के निधन क बाद 1985 में गठवाला खाप के चौधरी बने थे। पिता बलदेव सिंह के नक्शेकदम पर उन्होंने पंचायतों के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन किया।
वेस्ट यूपी के गठवाला खाप के 52 गांवों के चौधरी थे। सामाज से जुड़े कार्यों, विवादों को दूर कराने, विवाह शादी समेत उनके निर्देशों का पालन किया जाता था। किसानों के प्रति भी बाबा हरिकिशन सिंह मलिक विशेष लगाव रखते थे, यहीं वजह रही कि उन्होंने भारतीय किसान मजदूर संगठन भी बनाया था।
बाबा हरिकिशन सिंह मलिक के सहायक के तौर पर छह थांबेदार भी उनके दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक कार्यों से जुड़े थे। अस्वस्थ होने के कारण वे पिछले करीब दस साल से घर पर ही रह रहे थे और उनके प्रतिनिधि के तौर पर उनके पुत्र बाबा राजेंद्र सिंह कार्य कर रहे थे। बाबा हरिकिशन सिंह मलिक के दो पुत्र राजेंद्र सिंह व बिजेंद्र तथा दो बेटिया शकुंतला व मुनेश है। बताया जाता है कि गठवाला खाप का अस्तित्व करीब 800 सालों से है।