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Ayodhya Ram Mandir: राम जन्मभूमि आंदोलन में बागपत के बड़ौत से भेजी गई थीं हजारों रामशिला, संस्‍मरण याद कर भावुक हो रहे लोग

पांच को राम मंदि‍र का पूजन किया जाना है। ऐसे में हर शहर से मंदिर को लेकर कुछ तो यादें जुड़ी ही हैं। ऐसा ही बागपत में भी हैं जहां संस्‍मरण को याद कर लोग भावविहल हो रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:23 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 08:23 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: राम जन्मभूमि आंदोलन में बागपत के बड़ौत से भेजी गई थीं हजारों रामशिला, संस्‍मरण याद कर भावुक हो रहे लोग
Ayodhya Ram Mandir: राम जन्मभूमि आंदोलन में बागपत के बड़ौत से भेजी गई थीं हजारों रामशिला, संस्‍मरण याद कर भावुक हो रहे लोग

बागपत, जेएनएन। साल 1992 में जब राम मंदिर निर्माण की आवाज पूरे देश में जोरशोर से उठ रही थी, तब बड़ौत क्षेत्र भी इस आंदोलन का गवाह बना। यहां विहिप, भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ-साथ बड़े साधु-संतों ने भी धर्म सभा कीं। क्षेत्र से हजारों रामशिला (ईंटें) एकत्र कर अयोध्या भेजी गई थीं। पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास व भूमि पूजन को लेकर यहां भी खुशी का माहौल है।

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राम मंदिर को लेकर उठी थी जबरदस्‍त लहर

मसले से जुड़े संस्मरणों को याद करते हुए बड़ौत निवासी भाजपा नेता वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद जैन और विहिप के पूर्व मंडलाध्यक्ष राकेश सिंघल बताते हैं कि 90 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन की जबरदस्त लहर उठी थी। बड़ौत क्षेत्र भी हिंदू संगठनों की गतिविधियों का केंद्र रहा। 1992 में जनजागरण आंदोलन के तहत भाजपा और विहिप के कई बड़े नेता बड़ौत में आए। इनमें कलराज मिश्र, राजनाथ सिंह, मां चितंबरा, बीपी सिंघल, राजराजेश्वरा नंद आदि ने धर्म सभाएं कीं।

भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने भी पंचवटी धर्मशाला में बैठक को संबोधित किया। इसके बाद खुली जीप में बैठकर जुलूस निकाला, जो भगवान महावीर मार्ग, संजय मूर्ति, नेहरु मूर्ति, नया बाजार, फूंस वाली मस्जिद, कोताना रोड से होता हुआ पंचमुखी मंदिर पर संपन्न हुआ। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में लोगों ने रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे, जय श्रीराम के गगनभेदी नारे लगाए। उमा भारती ने हिंदू संगठनों को मंदिर निर्माण के लिए रामशिला एकत्र करने की जिम्मेदारी भी सौंपी थी।

ये रहे मौजूद

रैली में रामप्यारे पांडे, रामकुमार गुप्ता, रामगोपाल वाष्र्णेय, विनोद जैन, वकील चंद जैन, पदम प्रसाद जैन, मुकेश तोमर बावली, धर्मपाल चौहान, गुरदत्ता मल, प्रवीण बब्बर, नीरज गुप्ता, डा. बीरसेन सरोहा आदि ने भाग लिया था। 


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