मेरठ ऋषभ एकेडमी पर कब्जे की कोशिश, आपसी वर्चस्व की लड़ाई में एक शिक्षण संस्थान बर्बादी की कगार पर
छावनी स्थित ऋषभ एकेडमी में प्रबंध समिति पर कब्जे को लेकर चल रही उठापटक रोज नया मोड़ ले रही है। पहले रंजीत जैन उसके बाद डा. संजय जैन और अब कैंट सभासद अनिल जैन ने स्कूल संचालन का कार्य देखना शुरू कर दिया है।
मेरठ, जेएनएन। छावनी स्थित ऋषभ एकेडमी में प्रबंध समिति पर कब्जे को लेकर चल रही उठापटक रोज नया मोड़ ले रही है। पहले रंजीत जैन, उसके बाद डा. संजय जैन और अब कैंट सभासद अनिल जैन ने स्कूल संचालन का कार्य देखना शुरू कर दिया है। स्कूल की प्रिंसिपल पिछले सप्ताह ही गिरफ्तार कर ली गईं और गुरुवार को उनकी जमानत याचिका भी खारिज हो गई। मंदिर समिति और स्कूल समिति के सदस्य आपसी वर्चस्व की लड़ाई में एक शिक्षण संस्थान को बर्बाद करने पर तुले हैं।
स्कूल की प्रबंध समिति के सचिव रंजीत जैन के अनुसार समिति और स्कूल संचालन संबंधी न्यायालय का आदेश उनके पास है। इसके बावजूद वह पिछले कुछ महीनों से स्कूल का कामकाज देखने नहीं पहुंचे हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए डा. संजय जैन ने शिकायत की और जिला प्रशासन से लेकर सीबीएसई तक से स्कूल में प्रशासक नियुक्त करने की मांग की। अब स्कूल के संचालन का कामकाज कैंट सभासद अनिल जैन भी देखने पहुंचने लगे हैं।
अनिल जैन के अनुसार स्कूल व मंदिर की पुरानी नौ सदस्यीय समिति में वह भी सदस्य हैं। समाज का स्कूल होने के नाते वह कभी-कभी स्कूल जाते हैं। अनिल जैन के अनुसार डा. संजय जैन ही वर्तमान में स्कूल का कामकाज देख रहे हैं, जबकि संजय जैन के अनुसार अनिल जैन के आने के बाद से वह स्कूल गए ही नहीं।
चल रही मनमानी, नहीं मान रहे कानून
डा. संजय जैन के अनुसार मंदिर समिति का साल 2003 से नवीनीकरण नहीं हुआ है। स्कूल समिति का नवीनीकरण भी साल 2014 से लंबित है। गुरुवार को प्रिंसिपल की जमानत याचिका खारिज हो गई। वहीं, जिला जज चार की कोर्ट में वांछित रंजीत जैन की जमानत याचिका की अगली तिथि 30 मार्च लग गई है। बिना पंजीकृत समिति के स्कूल संचालन नहीं हो सकता है। सीबीएसई, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से प्रशासक की मांग की गई है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
ऋषभ एकेडमी की प्रधानाचार्य की जमानत अर्जी खारिज
अपर जिला जज न्यायालय कोर्ट संख्या एक मोहम्मद अशरफ अंसारी की अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में ऋषभ एकेडमी की प्रधानाचार्य याचना भारद्वाज की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने बताया कि 24 अक्टूबर 20 को डा. संजय जैन ने एसएसपी को शिकायत पत्र दिया था। इसमें रंजीत जैन और प्रधानाचार्य पर फर्जी कूटरचित दस्तावेज बनाकर संपत्ति हड़पने और स्कूल में फर्जीवाड़ा करने की शिकायत की थी। करीब 56 लाख रुपये से ज्यादा की रकम हड़पने का भी आरोप लगाया था। प्रधानाचार्य के अधिवक्ता पंकज शर्मा ने कहा कि उनके द्वारा कोई धनराशि प्राप्त या खर्च नहीं की गई है। न ही कोई चेक आदि पर हस्ताक्षर किए हैं। रंजीत जैन के हस्ताक्षर से ही खातों का संचालन किया जाता था। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचना भारद्वाज की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।