जब तक सरहद पर खड़ा एक भी जवान, हे हिंद तू आजाद है..
शहीद ए आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस पर राधा गोविंद इंजीनियरिग कॉलेज में गोष्ठी और सम्मेलन का आयोजन किया गया।
मेरठ। शहीद ए आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस पर राधा गोविंद इंजीनियरिग कॉलेज में गोष्ठी और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जागरूक नागरिक एसोसिएशन की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में देशभक्ति से ओतप्रोत कविताएं गूंजीं।
11 वर्ष की छात्रा गुंजन की पंक्तियां रहीं कि 'जब तक सूरज चंदा चमके तब तक हिन्दुस्तान रहेगा। दुश्मन की साजिशों का हर एक दुर्ग ढहेगा, जब तक सरहद पर खड़ा एक भी जवान, हे हिंद तू आजाद है, आजाद रहेगा।' कवि रामगोपाल भारती ने बूढ़े मां- बाप की व्यथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि - दो पैसे कमाने की सजा काट रहा हूं, बच्चों को पढ़ाने की सजा काट रहा हूं। तेज कदमों की बदौलत मेरे बच्चे कहां तक पहुंचे, हमको ही वक्त के साथ ना चलना आया। लोग किरदार बदलते रहे कपड़ों की तरह, हमको ना आज तक रंग बदलना आया। आगे डा. भारती ने कटाक्ष किया कि -इस कदर दूर है इंसानियत से हर कोई, डरे इंसान से मुलाकात रहे या ना रहे। कविता के बीच बीच में अन्य वक्ताओं ने शहीदों की याद में अपनी बात रखी। डा. ईश्वर चंद्र गंभीर ने भी कविता सुनाई। विचार गोष्ठी को आगे बढ़ाते हुए प्रभात राय ने कहा कि भगत सिंह ने ही नौजवान सभा का गठन किया था। इससे एक संदेश गया कि कुर्बानी देकर ही हम आजादी ले पाएंगे। आज कुछ लोग भ्रम में हैं कि भगत सिंह वामपंथी थे। जबकि वह एक समाजवादी सोच के व्यक्ति थे। डा. सरिता त्यागी ने भगत सिंह के बलिदान के बारे में बताया। मुख्य वक्ता नवीन चंद्र गुप्ता ने कहा कि आज देश के बच्चों को उन संस्कारों की आवश्यकता है, जो शहीद भगत सिंह के भी थे। डा. अमित शर्मा, राजेश भारती, कैप्टन सीपी एस यादव, शौराज सिंह, एसपी गौड़, मेजर सुनील शर्मा सहित अन्य लोगों का सहयोग रहा। कार्यक्रम में राधा गोविंद ग्रुप के चेयरमैन योगेश त्यागी रहे। संचालन गिरीश शुक्ला ने किया।