आर्य समाज कराएगा गैस आधारित शवदाह गृह का निर्माण
सूरजकुंड श्मशान घाट पर हो रही शवों की बेकद्री को देखते हुए शहर की संस्थाएं आगे आई हैं।
मेरठ,जेएनएन। सूरजकुंड श्मशान घाट पर हो रही शवों की बेकद्री को देखते हुए शहर की संस्थाएं आगे आईं हैं। सोमवार को आर्य समाज के पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल नगर आयुक्त से मिला और गैस संचालित शवदाह गृह का निर्माण अपने खर्चे पर कराने का प्रस्ताव दिया। इसी के साथ पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकात बाजपेयी और एमएलसी अश्वनी त्यागी ने शवदाह गृह बनवाने के लिए पहल की है। नगर आयुक्त ने मनीष बंसल ने बताया कि प्लाट बनाने के लिए कई प्रस्ताव मिले हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है। सामाजिक संस्था के रूप में आर्य समाज ने इसे अपने खर्चे पर बनवाने की पहल की है, इसलिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
सोमवार को आर्य समाज बुढ़ाना गेट के प्रधान अशोक सुधाकर, थापर नगर आर्य समाज के प्रधान राजेश सेठी और गंगा मोटर कमेटी के कोषाध्यक्ष अनिल मित्तल नगर आयुक्त से मिले। अशोक सुधाकर ने बताया कि एमएलसी अश्वनी त्यागी ने उन्हें फोन कर अपनी निधि से प्लाट लगाने का प्रस्ताव दिया। सरकारी निधि से प्लाट के निर्माण के लिए शासन से अनुमोदन और टेंडर आदि की प्रक्रिया के चलते तीन चार माह लग जाएंगे। अशोक सुधाकर ने कहा कि 15 दिन में शवदाह गृह बनाने के निर्देश हैं। मंगलवार को प्लांट निर्माण करने वाली कंपनी के इंजीनियर मौके का निरीक्षण करेंगे। पीएनजी सप्लाई करने वाली कंपनी के अधिकारी भी आएंगे। गंगामोटर कमेटी के अनिल मित्तल ने बताया कि 25-25 लाख के दो प्लाट लगाने का प्रस्ताव है। इसमें 45 मिनट में एक शव का संस्कार हो सकेगा। इस मौके पर भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकुल सिंघल और पियूष शास्त्री भी मौजूद रहे। डा. लक्ष्मीकात की पहल पर सूरजकुंड पहुंचे कंपनी के प्रतिनिधि
गैस प्लाट लगाने वाली कंपनी बिजेंद्रा एनर्जी एंड रिसर्च कंपनी के प्रतिनिधियों ने अपना प्रस्ताव पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकात बाजपेयी को दिया था। डा. लक्ष्मीकात ने बताया कि सोमवार को कंपनी के प्रतिनिधियों ने सूरजकुंड पर बने मौजूदा शवदाह गृह का निरीक्षण किया है। नगरायुक्त से इस संबंध में वार्ता की है। मंगलवार की शाम कंपनी अपनी एस्टीमेट दे देगी। वहीं, कंपनी के प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव में 50 प्रतिशत अग्रिम धनराशि दिए जाने की माग की है। प्लाट में एक साथ छह शवों का अंतिम संस्कार हो सकेगा। इस प्लाट में पीएनजी की जरूरत नहीं होगी। प्लाट में ही गैस तैयार होगी। इसमें प्रति शव 40 किलो लकड़ी लगेगी और 45 मिनट में संस्कार हो जाएगा। कपाल क्रिया का प्रबंध होगा। प्रदूषण रोकने के लिए 40 फुट उंची चिमनी होगी, जिसमें फव्वारे से शोधन का प्रबंध होगा। सिविल कार्य कंपनी नहीं करेगी। तीन माह के अंदर प्लाट लगाने की बात कही है। कंपनी के स्टाफ ने मौके पर नापजोख भी की है। बिजेंद्र चैधरी, संतपाल सिंह, मुकेश ठाकुर, बब्बू चौधरी आदि मौजूद रहे।