मेरठ के गेस्ट हाउस में सुसाइड, मर्डर के एंगल पर काम करेगी पुलिस, बगैर सत्यापन रखा था नौकरी पर
मेरठ में रोडवेज के सामने पत्नी की हत्या कर फांसी लगाने वाला अरविंद कुमार एक साल से मेरठ में एवरेस्ट गेस्ट हाउस का मैनेजर था। मालिक को भी नहीं पता कि वह कहां से आया था।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में पत्नी की हत्या कर फांसी लगाने वाला अरविंद कुमार एक साल से मेरठ में एवरेस्ट गेस्ट हाउस का मैनेजर था। गेस्ट हाउस मालिक लोकेश कुमार को भी नहीं पता कि वह कहां से आया था। मालिक ने बिना आइडी और पुलिस सत्यापन किए अरविंद को 15 हजार की नौकरी पर रख लिया। अरविंद और उसकी पत्नी की मौत के बाद पुलिस दिनभर उनके स्वजनों के बारे में जानकारी जुटाती रही, लेकिन कुछ पता नहीं चला। गेस्ट हाउस मालिक भी कुछ नहीं बता पाए। वहीं, बिना सत्यापन कराए अरविंद को नौकरी पर रखने के आरोप में लोकेश पर भी कार्रवाई की जा रही है।
पहले किराए के मकान में
एसओ विजय गुप्ता ने बताया कि अरविंद के बैंक खाते की पड़ताल की गई, जिसमें रोहटा रोड का पता लिखा हुआ है। दरअसल, एक साल पहले अरविंद रोहटा रोड पर किराए के मकान में रहता था। वहां भी आसपास के लोगों से अरविंद के बारे में पूछताछ की। कोई उसका गुजरात का पता नहीं बता सका। अरविंद के मोबाइल से मिले 50 नंबरों पर भी पुलिस ने बातचीत की। ज्यादातर गाजियाबाद के नंबर हैं यानी अरविंद मेरठ से पहले गाजियाबाद में नौकरी करता था। ज्यादातर लोगों ने जानकारी दी कि अरङ्क्षवद पर उनका उधार है। पुलिस मान रही है कि अरविंद ने कर्ज में डूबने पर ही जान दी है।
बचे खाने का लिया नमूना
पुलिस मानकर चल रही है कि अरविंद ने खाने में जहर मिलाया। अरविंद की पत्नी कमरे पर खाना नहीं बनाती थी। रोज बाहर से खाना मंगाकर खाते थे। अरविंद के कमरे से बचे हुए खाने का नमूना लिया गया है। इससे जहर का पता चल जाएगा। अरविंद की पत्नी के गले पर भी कोई निशान नहीं है। ऐसे में पुलिस मान रही है कि जहर के सेवन से ही अरविंद की पत्नी की मौत हुई है। पुलिस का अनुमान है कि बच्ची ने कम खाना खाया जिससे उसकी जान बच गई।
हत्या से भी इन्कार नहीं
अरविंद और उसकी पत्नी का शव जिस कमरे में मिला, उसका दरवाजा खुला हुआ था। पुलिस जांच कर रही है कि महिला की हत्या करने के बाद अरविंद की हत्या कर शव को लटका तो नहीं दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इससे पर्दा उठ पाएगा। सवाल यह है कि अरविंद ने आत्महत्या करते समय कमरे का दरवाजा खुला क्यों रखा? कहीं कर्ज की रकम को लेकर अरविंद का किसी से विवाद तो नहीं हो गया था।
रातभर मम्मी के शव से लिपटी रही मासूम
पुलिस ने चार साल की बच्ची की नब्ज टटोली तो उसमें जान थी। रातभर बच्ची मम्मी के शव से लिपट कर पड़ी रही। बच्ची की सांसें चलती देखकर एसओ उसे तत्काल उठाकर अस्पताल में ले गए। बच्ची का उपचार कराया गया। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।