Army Soldier Martyr: बागपत का लाल पिंकू कुमार आतंंकी मुठभेड़ में शहीद, जम्मू-कश्मीर में हुई शहादत
उत्तर प्रदेश के बागपत का लाल पिंकू कुमार शनिवार रात को आतंंकी हमले में जम्मू कश्मीर के शोपियां में शहीद हो गए। पिंकू कुमार 2001 जाट बटालियन के जवान थे। शहीद के घर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है।
बागपत, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना में हवलदार बागपत का लाल पिंकू कुमार शहीद हो गए। शहीद के घर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। परिवार और गांव के लोग उनकी शहादत पर गर्व कर रहे हैं।
जिले के गांव लुहारी में किसान परिवार में जन्मे पिंकू कुमार 13 सितंबर वर्ष 2001 को मेरठ से सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह जम्मू-कश्मीर में हवलदार के पद पर तैनात थे। उनके बड़े भाई मनोज के अनुसार शनिवार देर रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे जम्मू-कश्मीर से सेना के अफसर ने उनके भाई 38 वर्षीय पिंकू की शहादत की खबर दी। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। पिंकू की पत्नी कविता अपने एक बेटे और दो बेटियों के साथ मायके गांव सोरम गोयला, मुजफ्फरनगर गई हुई थी। वह भी सूचना मिलते ही लुहारी गांव में पहुंच गई। जनप्रतिनिधि भी दुख को साझा करने के लिए शहीद के घर जा रहे हैं।
सोमवार को गांव आएगा शहीद का पार्थिव शव
शहीद के भाई मनोज ने बताया कि सेना के अफसरों ने बताया कि शहीद का पार्थिव शव देर रात आएगा, जिसे मेरठ में रखा जाएगा। सोमवार सुबह लगभग आठ बजे सेना के जवान पार्थिव शव को लेकर गांव पहुंचेंगे।
सांत्वना देने पहुंचे अधिकारी व नेता
रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, भाजपा विधायक केपी मलिक, पूर्व विधायक डाक्टर अजय कुमार, रालोद नेता सतीश चौधरी आदि भी शहीद के घर पहुंचे और स्वजन को सांत्वना दी। एडीएम अमित कुमार ङ्क्षसह और एएसपी मनीष कुमार मिश्र भी शहीद के घर पहुंचे।
नौ महीने का एक बेटा और दो हैंं बेटियां
शोपियां में शहीद जवान पिंकू कुमार का एक नौ महीने का बेटा है। और उनकी दो बेटियां हैं बड़ी बेटी आठ साल की तो छोटी बेटी पांच साल की है। उनके पिता जबर सिंह कहते हैं कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है। शहीद जवान के बड़े भाई मनोज खेती करते हैं।