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कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष के बंगले का अधिग्रहण कर सकती है सेना Meerut News

ताजा घटनाक्रम में सब एरिया मुख्यालय की ओर से चैपल स्ट्रीट बंगला नंबर 105 और तोपखाना आरए लाइन बंगला नंबर -5 के अधिग्रहण के लिए रक्षा संपदा अधिकारी को पत्र लिखा गया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 11:37 AM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 11:37 AM (IST)
कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष के बंगले का अधिग्रहण कर सकती है सेना Meerut News
कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष के बंगले का अधिग्रहण कर सकती है सेना Meerut News
मेरठ, जेएनएन। छावनी क्षेत्र में सेना अपने उपयोग के लिए बी थ्री ओल्ड ग्रांट बंगलों का अधिग्रहण कर रही है। इसमें कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी के बंगले पर भी ग्रहण छा गया है। सब एरिया मुख्यालय की ओर से चैपल स्ट्रीट बंगला नंबर 105 और तोपखाना आरए लाइन बंगला नंबर -5 के अधिग्रहण के लिए रक्षा संपदा अधिकारी को पत्र लिखा गया है। उपाध्यक्ष ने इसे सिरे से खारिज करते हुए गलत बताया है। रक्षा संपदा अधिकारी ने भी अनभिज्ञता जताई है।
सेना को अपने लिए जमीन की जरूरत
छावनी में सेंट मेरीज एकेडमी के सामने चैपल स्ट्रीट बंगला नंबर 105 उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी की कोठी है। बताया जा रहा है कि उक्त कोठी रक्षा संपदा के जनरल लैंड रिकार्ड में बरियाम सिंह और अजरुन सिंह के नाम है। इसी तरह से तोपखाना स्थित बंगला नंबर 5 भी दूसरे के नाम पर है। सेना को अपने लिए जमीन की जरूरत है। करीब 272 एकड़ जमीन के लिए बी ओल्ड ग्रांट बंगलों के अधिग्रहण की तैयारी की गई है।
अधिग्रहण के लिए बोर्ड गठित
इसके लिए रक्षा संपदा को सब एरिया मुख्यालय से सेना के अफसर ने पत्र लिखकर बंगला नंबर 105 और बंगला नंबर 5 को अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। इसके लिए 510 आर्मी वर्कशाप के कमान अधिकारी की अध्यक्षता और मीडियम रेजीमेंट 197 की सदस्यता में बोर्ड भी गठित कर दिया गया है। सब एरिया का यह पत्र मई 2019 में डीईओ को लिखा गया है। इसमें अधिग्रहण के लिए किसी समय की बाध्यता नहीं दी गई है।
कैंट के अवैध विवाह मंडप हो सकते हैं सील
छावनी क्षेत्र में आवासीय बंगले में संचालित विवाह मंडपों पर ग्रहण छा गया है। मंगलवार को छावनी परिषद के अधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट में काउंटर एफिडेविट (जवाबी हलफनामा) दाखिल किया गया। छावनी परिषद के अधिकारियों के अनुसार अवैध तरीके से चल रहे मंडप कोर्ट के फैसले के बाद सील किये जा सकते हैं।
जिला कोर्ट में भी मामला दर्ज
छावनी परिषद के अधिवक्ता की ओर से जवाबी हलफनामें में कहा गया है कि छावनी अधिनियम 2006 का उल्लंघन करते हुए आवासीय क्षेत्र में विवाह मंडप संचालित हैं। डिस्टिक्ट कोर्ट में इनके खिलाफ मामला भी दर्ज है। कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है। छावनी में चलने वाले अधिकांश मंडप आवासीय बंगलों में हैं। इसका भू उपयोग बदल चुका है।
इन मंडपों के खिलाफ हलफनामा
कैंट बोर्ड ने जिन 12 मंडपों के खिलाफ काउंटर दाखिल की है, उसमें वेस्ट एंड रोड स्थित कैसल व्यू, जैन विवाह मंडप, वेस्ट एंड रोड बंगला नंबर 201 स्थित शांति फार्म हाउस, वेस्ट एंड रोड स्थित रंग महल, सकरुलर रोड स्थित एडवोकेट हाउस, करिअप्पा स्ट्रीट होटल डीरोज, रंगवाली कोठी, चैपल स्ट्रीट स्थित रंगरूप, वोल्गा फार्म हाउस, एसजीएम गार्डन, गुरुकुल गार्डेन और लालकुर्ती स्थित नैय्यर पैलेस का नाम है।
बंगला रक्षा संपदा के अधीन
कैंट बोर्ड के हलफनामे में बताया गया है कि बंगले रक्षा संपदा अधिकारी के अधीन हैं। जहां जनरल लैंड रिकार्ड में आवासीय बंगला है, उस जगह व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हैं।
बंगला नंबर 22 बी को किया बाहर
छावनी परिषद में काफी समय से विवादों में रहे बंगला नंबर 22 बी को हलफनामे से बाहर किया गया है। आवासीय बंगले में होटल खुलने की वजह से कैंट बोर्ड पूर्व में इस पर सील भी लगा चुका है।
इनका कहना है
सब एरिया मुख्यालय से ऐसे किसी पत्र की जानकारी मुझे नहीं है। रिकार्ड देखने के बाद ही मैं कुछ बता पाऊंगी।
- भावना सिंह, रक्षा संपदा अधिकारी
बंगले के अधिग्रहण की प्रक्रिया इतनी आसान नहीं होगी। बंगला नंबर 105 मेरा है। किसी ने गलत तरीके से पत्र जारी किया है। इसमें सच्चाई नहीं है।
- विपिन सोढ़ी, उपाध्यक्ष, कैंट बोर्ड
एक साल में किया चार बंगलों का अधिग्रहण
पिछले एक साल में रक्षा संपदा अधिकारी के अधीन चार बंगलों का अधिग्रहण किया जा चुका है। इन्हें सैन्य उपयोग लिया जाएगा। इसमें बंगला नंबर 137, 259, 165 और 111 शामिल हैं।
छावनी से डेयरी हटाने का नोटिस, आज कार्रवाई
छावनी परिषद ने अब डेयरियों पर सख्त रूख दिखाया है। मंगलवार को सभी 112 डेयरियों को खाली करने का नोटिस दे दिया गया है। बुधवार यानि आज कैंट बोर्ड पुलिस फोर्स और सेना की मदद से सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाली डेयरियों को सील करने की कार्रवाई कर सकता है। कैंट बोर्ड के आखिरी नोटिस से डेयरी संचालकों में खलबली मच गई है। कैंट बोर्ड के सीईओ प्रसाद चव्हाण की ओर से जारी नोटिस तोपखाना, लालकुर्ती, रजबन सहित हर डेयरी संचालक को भेजा गया है। हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कैंट बोर्ड ने सभी डेयरियों को अवैध माना है।
मोहलत भी हुई समाप्‍त
हाईकोर्ट ने भी एक निर्धारित समय के भीतर डेयरी संचालकों को सरकारी जमीन से कब्जा छोड़ने के लिए कहा था। इसमें कुछ डेयरी संचालकों ने जीविका का आधार बताते हुए कोर्ट से कुछ दिन की मोहलत ली थी। जिसकी अवधि 31 मार्च 2019 को खत्म हो चुकी है। जिसे संज्ञान में लेते हुए कैंट बोर्ड ने नोटिस जारी किया है। 20 अगस्त मंगलवार तक डेयरी न हटाने वाले पशु पालकों के खिलाफ कैंट बोर्ड ने कार्रवाई करने की तैयारी भी कर ली है। कैंट बोर्ड ने चेतावनी दे दी है कि 21 अगस्त यानि आज पुलिस फोर्स की सहायता से सरकारी जमीन को खाली करा लिया जाएगा। इसमें जो भी खर्च आएगा उसे डेयरी संचालक से वसूला जाएगा।
कैंट बोर्ड पहले भी दे चुका है नोटिस
कैंट बोर्ड इस तरह डेयरियों को खाली कराने के लिए कई बार नोटिस जारी कर चुका है। मुनादी भी लगा चुका है। लेकिन, विरोध के चलते आज तक एक भी डेयरी को बाहर नहीं कर पाया। डेयरी संचालक दूध निकालने के बाद पशुओं को खुला छोड़ देते हैं। इससे माल रोड, आबूलेन, सदर, सहित पूरे छावनी में पशु घूम रहे हैं। 

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