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राष्ट्रीयता व हिंदुत्व के दृष्टिकोण से प्रासंगिक हैं वीर सावरकर : अरिहंत पांवडिया Meerut News

तीन दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय साहित्‍य‍िक आयोजन के दूसरे दिन दिल्ली से पहुंचे अंग्रेजी पत्रिका स्वराज्य के संपादक व साहित्यकार अरिहंत पांवडिया ने सावरकर के जीवन व विचारों से अवगत कराया

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 01:37 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 02:10 PM (IST)
राष्ट्रीयता व हिंदुत्व के दृष्टिकोण से प्रासंगिक हैं वीर सावरकर : अरिहंत पांवडिया Meerut News
राष्ट्रीयता व हिंदुत्व के दृष्टिकोण से प्रासंगिक हैं वीर सावरकर : अरिहंत पांवडिया Meerut News

मेरठ, जेएनएन। आइआइएमटी विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय साहित्यिक महाकुंभ के दूसरे दिन साहित्यिक परिचर्चाओं का शुभारंभ हुआ। साहित्यकारों व इतिहासकारों ने विभिन्न मुद्​दों पर अपने विचार रखने शुरू किए। तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक आयोजन में पुस्तक प्रदर्शनी, साहित्यिक परिचर्चाएं, पुस्तक लोकार्पण, पुस्तक समीक्षाएं, लघु कथा वाचन, कवि सम्मलेन व सम्मान समारोह आयोजित किए जाएंगे। दूसरे दिन के मुख्य अतिथि एमएस बिट्टा का आगमन स्वास्थ्य कारणों से निरस्त हो गया।

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सावरकर के विचार आज भी प्रासंगिक

परिचर्चा व संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सुबह के सत्र में दिल्ली से पहुंचे अंग्रेजी पत्रिका स्वराज्य के संपादक व साहित्यकार अरिहंत पांवडिया ने सावरकर के जीवन व विचारधारा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सावरकर का व्यापक अध्ययन करके ही उनके बारे में फैलाई जा रहे दुष्प्रचार का सामना किया जा सकता है। सावरकर के विचार आज भी राष्ट्रीयता व हिंदुत्व के दृष्टिकोण से प्रासंगिक बने हुए हैं। उनकी वैज्ञानिक दृष्टि उनको समकालीनता में महात्मा गांधी से भी कहीं बड़ा विचारक व चिंतक बनाती है। डा. वर्षा वर्धा महाराष्ट्र, डा. कुसुम सिंह अविचल कानपुर, अलका पांडे, चित्ररेखा, नीतिभ राजपूत, संजय कुमार शर्मा, पवन तिवारी, आदित्य देव त्यागी, डा. अरविंद असीम, डा. अमित पाठक, कुलदीप पंवार, डा. रमेश कटारिया, पारस, नेहा इलाहाबादी, आदर्शनी श्रीवास्तव व डा. सुषमा शर्मा ने मंच की शोभा बढ़ाई।

वसुधैव कुटुंबकम की भावना

इस अवसर पर आयोजक डा. विजय पंडित ने अपने संबोधन में कहा कि मेरठ लिट्रेचर फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना के साथ पूरी दुनिया में साहित्य के माध्यम से दिलों को दिलों से जोड़ना है। साथ ही लेखन से रूबरू कराना, अनुवाद, प्रकाशन, विचारों के आदान प्रदान, पठन - पाठन, साहित्य व संस्कृति के दायरे का विस्तार समेत साहित्यकारों के सानिध्य में एक अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करना है।

नहीं आए एमएस बिट्टा

साहित्यिक महाकुंभ के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में ऑल इंडिया एंटी टेरेरिस्ट के चेयरमैन व पूर्व मंत्री एमएस बिट्टा पहुंचने वाले थे। लेकिन किसी कारणवश उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया। बताया जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य सही नहीं था। इस संबंध में पुलिस प्रशासन को उनका प्रस्तावित कार्यक्रम में भी मिल गया था। लेकिन मंगलवार सुबह आयोजकों को सूचना मिली कि वह नहीं आ पाएंगे।


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