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सिवाया टोल प्लाजा पर फास्टैग लगवाने की हो रही अपील

मेरठ-देहरादून हाइवे पर स्थित सिवाया टोल प्लाजा के कर्मचारी इन दिनों ध्वनि विस्तारक यंत्र से फास्टैग लगवाने की अपील कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 03:00 AM (IST)
सिवाया टोल प्लाजा पर फास्टैग लगवाने की हो रही अपील
सिवाया टोल प्लाजा पर फास्टैग लगवाने की हो रही अपील

मेरठ, जेएनएन। मेरठ-देहरादून हाइवे पर स्थित सिवाया टोल प्लाजा के कर्मचारी इन दिनों ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउड स्पीकर) की मदद से वाहन चालकों से फास्टैग लगवाने की अपील कर रहे हैं। यह बताया जा रहा है कि फास्टैग लगवाने के बाद सफर किस कदर सुहाना होगा, इससे जाम से मुक्ति भी मिलेगी। ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि टोल प्लाजा पर स्थित एनएचएआइ की आइएचएमसीएल कंपनी और एयरटेल कंपनी के बूथ पर फास्टैग बनवाने-लगवाने वालों की संख्या अनुमान से कम है। हालत यह है कि दोनों बूथों पर दिन भर में महज एक दर्जन लोग ही अपने वाहनों में फास्टैग लगवा रहे हैं। यह सर्वविदित है कि इस टोल प्लाजा की सभी 12 लेन आगामी 31 दिसंबर की रात 12 बजे से फास्टैग के लिए बुक हो जाएंगी। दरअसल, इस टोल प्लाजा पर जाम की एक बड़ी वजह यह सामने आई है कि अधिकाश गाड़ियों में फास्टैग नहीं लगा है, अथवा फास्टैग तो है लेकिन उसमें बैलेंस नहीं है। ऐसे वाहन जब फास्टैग की लेन में पहुंचते हैं तब कर्मचारी दोगुना टोल वसूलता है। यही वाहन चालक और टोल कर्मचारियों में झगड़े की वजह बनती है। इसके चलते टोल प्लाजा पर वाहनों की कतार लगने से जाम लग जाता है। इसीलिए, कर्मचारी इन दिनों ध्वनि विस्तारक यंत्र से फास्टैग लगवाने की अपील कर रहे हैं।

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टोल प्लाजा की सभी 12 लेन में मंगलवार देर रात तक जाम से बुरे हालात थे। हालाकि 12 नवंबर से 16 नवंबर तक त्योहारी सीजन होने के चलते अन्य दिनों की अपेक्षा इन दिनों में वाहनों की संख्या काफी बढ़ भी गई थी, जो जाम का मुख्य कारण बना। वैसे बुधवार को जाम न लगने से राहगीरों ने थोड़ी राहत जरूर ली। हालाकि पल्लवपुरम के पल्हैड़ा स्थित निर्माणधीन फ्लाईओवर के दोनों ओर सíवस रोड पर दिन भर रूक-रूककर जाम जरूर लगा लेकिन टोल प्लाजा पर पिछले पाच दिनों की अपेक्षा बुधवार को जाम से निजात रही। टोल प्लाजा के कर्मचारी दोनों ओर करीब पाच सौ मीटर दूर से ही बड़े और छोटे वाहनों को अपनी-अपनी लेन में ही जाने का झडा दिखाकर इशारा कर रहे थे, ताकि बड़े वाहनों के बीच छोटे वाहन न फसें।

फास्टैग तो है, तुम बता रहे कि बैलेंस नहीं है : फास्टैग को लेकर टोल प्लाजा पर तरह-तरह के दृश्य देखने को मिल रहे हैं। बात दो दिन पहले की है, मुजफ्फरनगर से दिल्ली जा रहे एक परिवार की क्रेटा गाड़ी पर फास्टैग लगा था। टोल की लेन में पहुंचते ही जब सेंसर से फास्टैग कनेक्ट नहीं हुआ तो कर्मचारी ने हैंड हेंडल मशीन से भी चेक किया। फास्टैग में बैलेंस ही नहीं था। कर्मचारी ने गाड़ी में बैठे बुजुर्ग से कहा कि फास्टैग में बैलेंस नहीं है, दोगुना टोल फीस देनी होगी। इस पर बुजुर्ग ने अपने अंदाज में कहा कि अरे भाई, बैलेंस है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है, मगर फास्टैग तो लगा है। बाद में दोगुना टोल फीस देकर उन्हें निकलना पड़ा।

इन्होंने कहा- टोल कर्मचारी ध्वनि विस्तारक यंत्र से लगातार घोषणा कर रहे हैं। वाहन चालकों से फास्टैग लगवाने की अपील की जा रही है। सबसे बड़ी दिक्कत फास्टैग में बैलेंस न होना है। अब तक चल रही कैश की दो लेन 31 दिसंबर की आधी रात से बंद होनी हैं। एक जनवरी से सभी लेन फास्टैग हो जाएंगी। -प्रदीप चौधरी, मैनेजर-क्यूब हाइवे कंपनी, टोल प्लाजा।


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